Slow Ke Qisse: आख़िर क्यों विज्ञापनों से दूर भागते हैं विशाल भारद्वाज

Shabnam KhanShabnam Khan   6 March 2019 10:19 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
Slow Ke Qisse: आख़िर क्यों विज्ञापनों से दूर भागते हैं विशाल भारद्वाज

बॉलीवुड में हुनरमंद लोग तो बहुत हैं, लेकिन ऐसे लोग कम हैं जिनमें एक साथ कई हुनर हों। ऐसी ही एक खश्सियत है, विशाल भारद्वाज। विशाल, फिल्म डायरेक्टर, प्रॉड्यूसर, म्यूज़िक डायरेक्टर, लिरिसिस्ट और फिल्म राइटर हैं। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में इतने तरीके के काम किए हैं, कि वो अपने आप में पूरा पैकेज हैं। हालांकि एक काम है, जिससे वो काफी दूर रहना पसंद करते हैं। दरअसल, विशाल भारद्वाज को विज्ञापनों के काम से दूर भागना ही पसंद है। इसके पीछे उनके करियर के शुरुआती दिनों का एक क़िस्सा है। इंटरव्यू शो 'The Slow Interview with Neelesh Misra' में विशाल ने वो क़िस्सा बताया। आइए पढ़ें, उनकी ज़बानी, उनका क़िस्सा।

"एक वालिया साहब थे और जुबैर साहब का स्टूडियो हुआ करता था। वो लोग ऐड बनाया करते थे। वालिया साहब ने बोला की तुम आओ तुम्हे काम देते हैं। पान मसाले का कोई ऐड था। वो बोले तुम सुबह 10 बजे आ जाओ मैं तुमको जिंगल दूंगा। उन्होंने मुझे जिंगल दिया, बोले यह कॉपी एप्रूव्ड है और तुम इसकी ट्यून बनाओ। मैंने एक दोस्त को बुलाया। वो टाइम्स ऑफ इंडिया में काम कर करता था। अलोक माथुर, वो तबला बजाता था। वो आधे दिन के लिए अपना काम वाम छोड़कर आ गया। हमने ट्यून बनाई, पर वो वालिया साहब को पसंद नहीं आयी। हर एक घंटे में मैं उनको ट्यून सुनाता था। और वो बीच में आकर, मुझे पान मसाला खिलाते थे, कि इसे खाओ देखो कितना ठंडा लग रहा है। बोले तुम्हारी ट्यून में वो बात नहीं आ रही, ठंडा नहीं लग रहा। म्यूज़िक की जितनी फॉर्म्स होती हैं, आई वो शाम के बजे तक वो सब ट्राय कर डाली। जैज़, ब्लूज़, कव्वाली, सूफी, भजन, सब ट्राय किया। करीब 20 ट्यून बनाई। प्रॉब्लम तो यह थी, कि वो उनकी ठंडक नहीं आ पा रही थी। वह हर ट्यून रिजेक्ट कर रहे थे। फिर शाम को 6 बजे वो बोले की यह 50 रूपए रखो और कल सुबह फिर आ जाना। वो 50 रूपए का मैंने और मेरे दोस्त ने रम की हॉफ बोतल खरीदी और दारू पीकर हमने इतनी गालियाँ दी वालिया साहब को की कल से ऐड के काम में नहीं जायेंगे। मेरा वो इतना ख़राब एक्सपीरियंस रहा कि मैं आज भी ऐड के लिए दूर भागता हूँ। अभी भी ऐड के लिए कोई आता है मेरे पास, तो मुझे सीधे वालिया साहब याद आते हैं कि ठंडक नहीं आ रही। और उनका अभी तक वही एटीट्यूड है बस पान मसाला नहीं खिलाते।"

देखिए, विशाल भारद्वाज के साथ नीलेश मिसरा के इस इंटरव्यू का पूरा वीडियो। (पार्ट 1 और 2)




    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.