Game Over Movie Review: तापसी पन्नू का डर डरायेगा आपको
Eshwari Shukla 22 Jun 2019 8:15 AM GMT

'मेमोरियल टैटू' मर चुके इंसान की अस्थियों के राख को टैटू की इंक में मिलाकर शरीर पर बनाए जाने वाले टैटू। ड्रामा, थ्रिलर फिल्म गेम ओवर (Game Over) में पेशे से विडियो गेम डेवलपर सपना (Taapsee Pannu) अपनी ज़िन्दगी में आई सारी मुसीबतों की जड़ अपने शरीर पर गलती से बना दिए गए मेमोरियल टैटूको मानती है।
सपना अपने परिवार से दूर दूसरे शहर में अपनी हाउस मेड कलाअम्मा (Vinodhini Vaidynathan) के साथ एक घर में अकेली रहती है। सपना का एक अतीत है, जिसमें सपना एक ऐसे हादसे का शिकार बनी है, जिससे वो 'ऐनिवर्सरी इफेक्ट' और अंधेरे के डर जैसी एक ऐसी मानसिक बीमारी से गुजर रही हैं। तमिल हॉरर फिल्म 'माया' और 'इरावकालम' का निर्देशन कर चुके अश्विन सरवनन (Ashwin Saravanan) की फिल्म 'गेम ओवर' शुरू में ही एक खतरनाक मर्डर स्टोरी दिखा कर थोड़ा हॉरर और थोड़ा सस्पेंस डालने की कोशिश की गई है। जिसके बाद कहानी मुड़ती है सपना की ओर। सपना को वीडियो गेम खेलने की लत है। फिल्म में जब सपना को लगने लगता है की अंधेरे कमरे में जाकर उसका पैनिक अटैक शुरू होने लगता है तब सपना डॉक्टर की मदद लेती है। कई कोशिशों के बाद भी सपना को अपने अंदर बैठ चुके डर से छुटकारा नहीं मिल पाता है।
फिल्म का नाम गेम ओवर क्यों है ये दर्शक बखूबी फिल्म के अंत तक समझ पाएंगे। फिल्म में कुछ ख़ास चीज़ों की बात करें तो उनमें से एक होगा फिल्म में कई दफा सपना के कमरे के एक ही कोने को, थ्रिलर बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ इस तरह दिखाया जाना की सपना के साथ दर्शक भी थोड़ा डरा हुआ महसूस करेंगे। कैमरा वर्क भी फिल्म को एक अलग ही स्तर पर लेकर जाता है। तापसी शुरुआत से ही अपना किरदार एक लड़की जो की अब समाज से या अपने परिवार से दूर रह अपना ज्यादातर वक़्त वीडियो गेम्स खेल कर बिताती है, बखूबी निभाते नज़र आती हैं। पैनिक अटैक के दौरान साँसों का तेज फूलना हो, आत्महत्या करने की कोशिश हो या फिल्म में चंद पलों की चेहरे पर ख़ुशी हो वो हर जगह फिट हो जाती हैं।
(लेखक के अपने निजी विचार हैं)
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