वो हास्य अभिनेता जिसे जाना पड़ा था जेल  

गाँव कनेक्शनगाँव कनेक्शन   29 March 2018 12:20 PM GMT

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वो हास्य अभिनेता जिसे जाना पड़ा था जेल  बंगाली और हिन्दी फिल्मों के मशहूर अभिनेता उत्पल दत्त का है आज जन्मदिन।

शायद ही कोई ऐसा दर्शक होगा, जिसने हास्य फिल्म गोलमाल न देखी हो, गोलमाल में भवानी शंकर का किरदार भी सभी को याद होगा। इस किरदार को निभाने वाले बंगाली अभिनेता उत्पल दत्त को 'फ़िल्म फ़ेयर बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड' से भी नवाजा गया था। आज उन्हीं उत्पल दत्त का जन्म दिन है।

भारतीय सिनेमा के ऐसे प्रसिद्ध अभिनेता थे, जिन्होंने हिन्दी और बांग्ला फ़िल्मों में अपनी अमिट छाप छोड़ी। एक अभिनेता के रूप में उत्पल दत्त ने लगभग हर किरदार को निभाया। हिन्दी पर्दे पर कभी पिता तो कभी चाचा, कहीं डॉक्टर तो कहीं सेठ, कभी बुरे तो बहुधा अच्छे बने 'उत्पल दा' को दर्शक किसी भी रूप में नहीं भूल सकेंगे। उत्पल दत्त को अधिकतर एक हास्य अभिनेता के रूप में याद किया जाता है।

अभिनेता के साथ ही एक कुशल निर्देशक और नाटककार भी

उत्पल दत्त ने हिन्दी और बंगाली फिल्मों के साथ ही थियेटर में हर चरित्र को बखूबी से निभाया। 1940 में उत्पल दत्त अंग्रेज़ी थिएटर से जुड़े और अभिनय की शुरूआत कर डाली। शेक्सपियर साहित्य से उत्पल जी का बेहद लगाव था। इस दौरान उन्होंने थिएटर कंपनी के साथ भारत और पाकिस्तान में कई नाटक मंचित किए। नाटक 'ओथेलो' से उन्हें काफ़ी वाहवाही मिली थी। बाद में उत्पल दत्त का रुझान अंग्रेज़ी से बंगाली नाटक की ओर गया। 1950 के बाद उन्होंने एक प्रोडक्‍शन कंपनी जॉइन कर ली और इस तरह उनका बंगाली फ़िल्मों से कैरियर शुरू हो गया। बंगाली फ़िल्मों के साथ उनका थिएटर से प्रेम भी जारी रहा। इस दौरान उन्होंने कई नाटकों को निर्देशन ही नहीं बल्कि लेखन कार्य भी किया। बंगाली राजनीति पर लिखे उनके नाटकों ने कई बार विवाद को भी जन्म दिया।

फिल्म गोलमाल के एक दृश्य में अभिनता अमोल पालेकर और उत्पल दत्त।

कांग्रेस ने भेज दिया था जेल

उत्पल दत्त एक बड़े मार्क्सवादी भी थे। वे अक्सर वामपंथी दलों के लिए क्रांतिकारी नाटक करते थे। बंगाल की कांग्रेस सरकार ने उत्पल दत्त को उनके एक नाटक 'कल्लोल' के लिए 1965 में जेल में भी डाल दिया था। 1970 में बैन के बावजूद उनके तीन नाटकों दुश्वापनेर नगरी, एबार राजर पाला और बेरिकेड के ‌लिए लोगों की भीड़ देखी गई। उन्होंने इस दौरान नाटकों को निर्देशन और लेखन का काम भी किया। बंगाली राजनीति पर लिखे उनके नाटकों के कारण कई बार विवाद भी हुआ।

बंगाली फिल्म के लिए मिला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कर

फ़िल्म 'गोलमाल' के लिए उत्पल दत्त को 'फ़िल्म फ़ेयर बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड' से नवाजा गया था। बंगाली सिनेमा में फ़िल्म 'भुवन शोमे' के लिए उन्हें 'बेस्ट एक्टर' के तौर पर 'नेशनल फ़िल्म अवार्ड' दिया गया था। उत्पल जी के हास्य अभिनय को ऋषिकेश मुखर्जी से ज्यादा शायद ही किसी अन्य निर्देशक ने काम में लिया होगा। 'गोलमाल' की तरह 'नरम गरम' में भी उनकी जोड़ी अमोल पालेकर के साथ थी और उस में भी उन्हें 'श्रेष्ठ हास्य अभिनेता' का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ था।

इनकी याद में मनाया जाता है उत्पल दत्त नाट्योत्सव

रंगमंच की एक प्रतिष्ठित संस्था इन्डियन पिपल्स थियेटर्स एसोसीएशन इप्टा' के स्थापकों में से एक थे उत्पल दत्त। उनके नाटक विचार करने पर मजबुर करने वाले होते थे। तो बंगाल का एक विशिष्ट नाट्य प्रकार 'जात्रा' करने के लिए गाँव-गाँव और शहर शहर जाने वाले इस कर्मठ रंगकर्मी की याद में उनके निधन के बाद 'उत्पल दत्त नाट्योत्सव' भी होता था।

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