ओमपुरी पर वह किताब जिसके बाद वह पत्नी से अलग हो गए थे
Shefali Srivastava 6 Jan 2017 4:13 PM GMT

लखनऊ। 2011 में अभिनेता ओम पुरी की पत्नी नंदिता पुरी ने उन पर आत्मकथा लिखी थी जिसका नाम था- अनलाइकली हीरो: ओम पुरी। इस किताब के लॉन्च होने के बाद ही दोनों के बीच विवाद हो गया।
इस किताब के ज़रिए नंदिता ने ओम पुरी की ज़िंदगी के कई रहस्य उजागर किए थे, जिनमें से एक रहस्य ओम पुरी के उनकी नौकरानी के साथ संबंधों को लेकर था। इस किताब के आने के बाद ओम पुरी ने कई इंटरव्यू के दौरान यह कहा कि उनकी पत्नी ने उन्हें एक गिरे हुए इंसान के रूप में पेश किया है। इसके बाद नंदिता ने 2013 में ओम पुरी पर घरेलु हिंसा के आरोप भी लगाए थे जिसके बाद दोनों अलग हो गए। नंदिता ओम पुरी की दूसरी पत्नी थी।
इस वजह से कभी दोस्त नहीं बन पाए ओम पुरी और अन्नु कपूर
ओम पुरी और अन्नु कपूर ने साथ में कई फिल्में कीं लेकिन फिर भी दोनों अभिनेताओं में आपस में नहीं बनी। इसकी वजह थी ओम पुरी की पहली पत्नी सीमा कपूर जो अन्नु कपूर की बहन थी। बताते हैं कि ओम पुरी की आत्मकथा में सीमा कपूर को जिस तरह पेश किया गया उससे अन्नु कपूर काफी नाराज थे और उन्होंने एक इंटरव्यू में यह बात कबूली थी कि वह और ओम पुरी कभी दोस्त नहीं रहे।
बचपन में असुविधाओं में जिए ओम पुरी
ओम पुरी का बचपन काफी अभावों में बीता था। इस किताब में इस बात का भी ज़िक्र है। ‘अनलाइकली हीरो: ओमपुरी’ के अनुसार 1950 में पंजाब के अम्बाला में जन्मे इस महान कलाकार का शुरुआती जीवन अत्यंत गरीबी में बीता और उनके पिता को दो जून की रोटी कमाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। इस किताब में कहा गया है कि टेकचंद (ओमपुरी के पिता) बहुत ही तुनकमिजाज और गुस्सैल स्वभाव के थे और लगभग हर छह महीने में उनकी नौकरी चली जाती थी। उन्हें नई नौकरी ढूंढ़ने में दो महीने लगते थे और फिर छह महीने बाद वह नौकरी भी चली जाती।
पहली कमाई में पांच रुपए मिलते थे
रेलवे स्टोर में चोरी के आरोप में पिता के गिरफ्तार होने के बाद ओम पुरी के परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। एक वक्त ओम को चाय की दुकान में हेल्पर के रूप में काम करने पर मजबूर होना पड़ा। ओमपुरी और उनके भाई वेद द्वारा कुछ धन जुटाने के लिए छोटा मोटा काम शुरू करने से पहले उनका परिवार बहुत दिनों तक पड़ोसियों के रहमो करम पर जीवित रहा। ओम पुरी ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि सात साल की उम्र में वह चाय की दुकान पर ग्लास धोते थे। उस दौरान उन्हें इस काम के लिए पांच रुपए प्रति माह मिला करते थे। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता को एक झूठे केस में तीन महीने जेल काटनी पड़ी।
ओमपुरी ने अपने निजी थिएटर ग्रुप ‘मजमा की स्थापना की। ओमपुरी ने अपने सिने करियर की शुरुआत विजय तेंदुलकर के मराठी नाटक पर बनी फिल्म घासीराम कोतवाल के साथ की थी। ओम पुरी ने एक बार दावा किया था कि उन्हें अपने बेहतरीन काम के लिए मूंगफली दी गई थी।
अपने आखिरी दिनों में ओम पुरी सलमान खान स्टारर फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ की शूटिंग कर रहे थे। उनके निधन की खबर के बाद डायरेक्टर कबीर खान ने कहा, ‘ओम जी कुछ दिनों पहले तक आप हमारे साथ फिल्म के सेट पर हंसा करते थे। हमने फिल्म इंडस्ट्री का एक महान अभिनेता खो दिया है।’
इसके अलावा बॉलीवुड नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ फिल्म 'मंटो' में भी ओम पुरी काम करने वाले थे। नवाजद्दीन ने ट्विटर पर लिखा, ‘वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में से एक और मेरी व कई अन्य लोगों की प्रेरणा थे। मैं उनके साथ मंटो में काम करने वाला था। लेकिन उनके निधन की खबर से सदमे में हूं।’
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