पुण्यतिथि पर विशेष: एक मुगल सम्राट जो हिंदुओं का भी चहेता था

Vineet BajpaiVineet Bajpai   27 Oct 2016 3:55 PM GMT

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पुण्यतिथि पर विशेष: एक मुगल सम्राट जो हिंदुओं का भी चहेता थाअकबर ने हिन्दुओं पर लगने वाले ‘जज़िया कर’ के साथ ही अनेक काम किए, जिससे हिन्दू और मुस्लिम दोनों उसके प्रशंसक थे।

लखनऊ। भारत के महानतम मुग़ल शंहशाह अकबर की आज के ही दिन मृत्यु हुई थी। अकबर ने मुग़ल शक्ति का भारतीय उपमहाद्वीप के ज़्यादातर हिस्सों में विस्तार किया। अपने साम्राज्य की एकता बनाए रखने के लिए अकबर द्वारा ऐसी नीतियां अपनाई गईं, जिनसे गैर मुसलमानों की राजभक्ति जीती जा सके। भारत के इतिहास में आज अकबर का नाम काफ़ी प्रसिद्ध है। उसने अपने शासनकाल में सभी धर्मों का सम्मान किया था, सभी जाति-वर्गों के लोगों को एक समान माना और उनसे अपने मित्रता के सम्बन्ध स्थापित किये। अकबर ने अपने शासनकाल में सारे भारत को एक साम्राज्य के अंतर्गत लाने का प्रयास किया, जिसमें वह काफ़ी हद तक सफल भी रहा। आइये जाने अकबर से जुड़ी कुछ रोचक तथ्यः-

1- अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर था। अकबर को 'अकबर-ऐ-आज़म' अर्थात 'अकबर महान', 'शहंशाह अकबर', 'महाबली शहंशाह' के नाम से भी जाना जाता है।

2- अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 ई. को अमरकोट के राणा वीरसाल के महल में हुआ था और मृत्यु 27 अक्टूबर 1605 ई. में आगरा में हुई थी।

3- अकबर का शासनकाल 1556 से - 1605 ई. तक रहा था।

4- ये जान कर हैरानी होगी कि अकबर आजीवन निरक्षर ही रहे लेकिन ये सच है।

5- अकबर को 1551 ई. में मात्र 9 वर्ष की अवस्था में पहली बार ग़ज़नी की सूबेदारी सौंपी गई। हुमायूँ ने हिन्दुस्तान की पुनर्विजय के समय मुनीम ख़ाँ को अकबर का संरक्षक नियुक्त किया। सिकन्दर सूर से अकबर द्वारा सरहिन्द को छीन लेने के बाद हुमायूँ ने 1555 ई. में उसे अपना ‘युवराज’ घोषित किया।

6- अकबर के बचपन का नाम 'बदरुद्दीन' था। 1546 ई. में अकबर के खतने के समय हुमायूँ ने उसका नाम 'जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर' रखा।

7- अकबर तैमूरी वंशावली के मुग़ल वंश के तीसरे शासक थे।

8- अकबर बादशाह अकबर मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो बेगम का पुत्र था। बाबर का वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज़ ख़ाँ से संबंधित था अर्थात उसके वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे और माता पक्ष का संबंध चंगेज़ ख़ाँ से था।

9- अकबर के शासन के अंत तक 1605 ई. में मुग़ल साम्राज्य में उत्तरी और मध्य भारत के अधिकाश भाग सम्मिलित थे और उस समय के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्यों में से अकबर एक थे।

10- बादशाहों में अकबर ही एक ऐसे बादशाह थे, जिसे हिन्दू-मुस्लिम दोनों वर्गों का बराबर प्यार और सम्मान मिला।

11- अकबर ने हिन्दू-मुस्लिम संप्रदायों के बीच की दूरियां कम करने के लिए 'दीन-ए-इलाही' नामक धर्म की स्थापना की।

12- अकबर के दरबार में मुस्लिम सरदारों की अपेक्षा हिन्दू सरदार अधिक थे।

13- अकबर ने हिन्दुओं पर लगने वाला 'जज़िया कर' ही नहीं समाप्त किया, बल्कि ऐसे अनेक काम किए, जिनके कारण हिन्दू और मुस्लिम दोनों उसके प्रशंसक बने।

14- अकबर मात्र तेरह वर्ष की आयु में अपने पिता नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायुं की मृत्यु के बाद दिल्ली की राजगद्दी पर बैठा था।

15- अकहर को अपने साम्राज्य का गठन करने और उत्तरी और मध्य भारत के सभी क्षेत्रों को एकछत्र अधिकार में लाने में अकबर को दो दशक लग गये थे। उसका प्रभाव लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर था और इस क्षेत्र के एक बड़े भूभाग पर बादशाह के रूप में उसने शासन किया।

16- बादशाह के रूप में अकबर ने शक्तिशाली और बहुल हिन्दू राजपूत राजाओं से राजनयिक संबंध बनाये और उनके यहां विवाह भी किये।

   

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