महिलाओं को नहीं मिल रहा मनरेगा का लाभ

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महिलाओं को नहीं मिल रहा मनरेगा का लाभगाँवकनेक्शन

एटा। मनरेगा भी श्रमशील महिलाओं के बटुए को भारी नहीं कर पा रही है। जिले में सिर्फ  पांच फीसदी महिला श्रमिकों को रोजगार मिल सका है। विकास विभाग की उदासीनता के चलते गरीब ग्रामीण महिलाएं मनरेगा का लाभ नहीं उठा पा रही हैं। जबकि 30 फीसद महिलाओं को रोजगार मुहैया कराए जाने का प्रावधान है। बीते दिनों इस लापरवाही पर जनपद के 70 ग्राम पंचायत सचिवों का वेतन रोकने की कार्रवाई मुख्य विकास अधिकारी ने की थी।

बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के मकसद से शुरू की गई मनरेगा ने विकास की रफ्तार और सियासत के मुद्दे में भले ही जमकर नाम कमाया हो, लेकिन जिले में इस योजना में महिलाएं सिर्फ  हाशिए पर ही रहीं। इस योजना के तहत महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाता हैए परंतु जनपद की स्थिति बद से बदतर है। मनरेगा प्रावधानों के तहत पंजीकृत महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर 30 फीसद रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक है, लेकिन पांच फीसद भी महिलाओं को काम मुहैया नहीं कराया जा सका है। महिला श्रमिक निकल कर काम पर आई नहीं या उन्हें काम पर लाया नहीं गया इसे लेकर सवाल बना हुआ है।

सामाजिक कार्यकर्ता इसके पीछे सीमित जागरूकता और योजना पर मुट्ठी भर लोगों के अंकुश को जिम्मेदार मान रहे हैं।

बीते दिनों मुख्य विकास अधिकारी निवास मिश्र ने इस लापरवाही पर जनपद के 70 ग्राम पंचायत सचिवों का वेतन रोका था। सीडीओ का कहना है कि जनपद में मनरेगा का क्रियान्वयन पूरी ईमानदारी से कराया जा रहा है महिलाओं को भी काम किया दिया जा रहा है।

 

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