महंगाई रोकने में राज्य सरकारें भी निभाएं अपनी भूमिका: केंद्रीय मंत्री

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महंगाई रोकने में राज्य सरकारें भी निभाएं अपनी भूमिका: केंद्रीय मंत्रीgaonconnection

नई दिल्ली (भाषा)। दाल के अलावा अन्य खाद्यान्न कीमतों में वृद्धि से इंकार करते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि दालों सहित विभिन्न वस्तुओं में मूल्यवृद्धि को रोकने के लिए कई उपाय किये गये हैं तथा महंगाई को रोकने के लिए राज्य सरकारों को जमाखोरों पर कठोर कार्रवाई करने सहित विभिन्न कदम उठाने चाहिए।

देश में मूल्यवृद्धि के कारण उत्पन्न स्थिति पर राज्यसभा में हुयी अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में दालों के बफर स्टाक को आठ लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन कर दिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने दालों के बढ़ते मूल्यों को थामने के लिए ऐसे अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक उपाय किये हैं जिससे आने वाले समय में दाल के दामों में काफी कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि जो भी राज्य केंद्र से दाल मांग रहा है हम उसे उपलब्ध करा रहे हैं।

पासवान ने कहा कि महंगाई को रोकना केवल केंद्र की जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्यों को केंद्र के साथ सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों को जमाखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए तथा वैट आदि करों में कटौती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें चाहे तो सीधे आयात भी कर सकती हैं।

दाल के अलावा किसी अन्य खाद्यान्न की कीमतें नहीं बढ़ने के मंत्री के दावे पर आपत्ति जताते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले दिनों कई चीजों की कीमतें बढ़ी हैं। इसलिए गलतबयानी के कारण मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार का मामला आ सकता है। इस पर पासवान ने कहा कि वह मामूली वृद्धि की बात नहीं कर रहे हैं जो कि समय के साथ बढ़ना स्वाभाविक है।

जमाखोरी और कालाबाजारी मुख्य वजहें, इनसे लड़ने की ढांचागत व्यवस्था नहीं

पासवान का उत्तर पूरा होने के बाद कांग्रेस ने उससे असंतोष जताते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।

इससे पहले पासवान ने कहा कि मूल्य बढ़ने का कारण आपूर्ति श्रृंखला की खामियां और जमाखोरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास जमाखोरों एवं कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई संस्थागत प्रणाली नहीं है।

 राज्यों को 66 रुपये में तूर और 88 रुपये में उड़द दाल उपलब्ध करा रही सरकार 

उन्होंने कहा कि दाल की मांग एवं आपूर्ति में भारी अंतर है। मांग एवं आपूर्ति में अंतर आने से मूल्यों में वृद्धि होती है। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि भारत ने दलहन की कमी को दूर करने के दीर्घावधिक उपाय के लिए म्यांमार और मोजाम्बिक जैसे देशों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र राज्यों को तूर दाल 66 रुपये प्रति किलोग्राम और उड़द दाल 88 रुपये प्रति किग्रा की दर पर उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें चाहें तो करों में कटौती करते हुए दालों को और सस्ता कर सकती हैं।

पासवान ने गेहूं, चावल, आलू, टमाटर और प्याज के उत्पादन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इन आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतें पैदावार की कमी के कारण नहीं बढ़ रही हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दो रुपये किलोग्राम गेहूं, तीन रुपये किलोग्राम चावल और एक रुपये किलोग्राम मोटा अनाज वितरित करती है। उन्होंने कहा कि चावल, गेहूं तथा अन्य अनाज को सरकार ऊंचे दामों पर खरीद कर उन्हें काफी कम दामों पर राज्यों को देती है।

 

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