मिश्रित खेती से कम समय में दोगुना मुनाफा
गाँव कनेक्शन 7 May 2016 5:30 AM GMT

लखनऊ। आम उत्पादन के लिए देश-विदेश तक मशहूर मलिहाबाद के किसान आम के साथ ही बाग में ही फर्न भी उगा रहे हैं, जिससे आम की फसल के साथ ही फर्न से भी उन्हें दोहरा मुनाफा मिल रहा है।
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के कृषि वैज्ञानिक मलिहाबाद और उसके आस-पास के गाँवों के किसानों को फर्न की खेती करना सिखा रहे हैं। बुके से लेकर समारोहों में मंच बनाने तक फर्न की इन हरी पत्तियों की काफी मांग होती है। आम के बाग में ही बची हुई जगह में इसे उगाया जा सकता है। फर्न की खेती कर किसान जितनी कमाई साल भर में आम से करते हैं, उतनी ही आमदनी फर्न की खेती से की जा सकती है।
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एसके शुक्ला बताते हैं, “फर्न की खेती की सबसे अच्छी बात होती है, ये छाया में भी अच्छी तरह होते हैं। ऐसे में आम के बागों इनके हिसाब से सही होते हैं, किसानों को इसके पौधे देने के साथ ही उन्हें इसकी खेती का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। गर्मियों में जून-जुलाई का महीना इसकी रोपाई के लिए सही समय होता है।”
प्रदेश में फूलों के बढ़ते कारोबार और खेती के साथ ही फर्न की मांग भी बढ़ रही है। आमतौर पर फर्न की 100 पत्तियों का एक बंडल 25-30 रुपये में बिकता है, लेकिन सहालग में शादियों के समय में इसकी कीमत और बढ़ जाती है। प्रदेश में ज्यादातर पश्चिम बंगाल से फर्न मंगाई जाती है। प्रदेश के कुछ हिस्सों में ही किसान इसकी खेती करते हैं।
ये अधिकतर छाया के पौधे होते हैं, इनपर सीधी धूप नहीं पड़नी चाहिए। इसे हर तरह की मिट्टी में उगा सकते हैं। लेकिन इन्हें गोबर या पत्तियों की खाद की अन्य पौधों की तुलना में अधिक मात्रा में जरूरत होती है। आम के बाग में लगाने पर आम की पत्तियां सड़कर इसके लिए बढ़िया खाद का काम करती हैं।
डॉ. शुक्ला बताते हैं, “किसानों में जागरूकता आ रही है। वे पौधों के मांग कर रहे हैं। खासतौर से लखनऊ के आसपास तो आम की खेती खूब होती है। एक हेक्टेयर में आम की फसल सही होने पर किसान सामान्य तौर पर तीन लाख रुपए का मुनाफा ले पाता है। इतना ही अतिरिक्त मुनाफा फर्न की खेती करके कमा सकता है। आम की फसल कई बार अचानक पूरी तरह खराब हो जाती है, ऐसे में किसान फर्न की खेती भी करता है तो वह उस घाटे को पूरा कर देगी।”
मलिहाबाद तहसील के हबीबपुर गाँव के किसान रफीक अहमद (वर्ष) की पांच बीघा आम की बाग है। रफीक ने दो बीघा बाग में पेड़ों के बीच की खाली जगह में फर्न लगा दिया है। रफीक बताते हैं, “संस्थान के वैज्ञानिकों से फर्न की खेती के बारे में पता चला था, इसकी खेती में ज्यादा मेहनत भी नहीं लगती है। लखनऊ में फूलों का काम करने वाले यहां आकर फर्न खरीद ले जाते हैं। मेरी तरह और भी किसान इसकी खेती करने वाले हैं।”
India
More Stories