मोबाइल टावर लगाने के लिये बनेगी नई नीति

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मोबाइल टावर लगाने के लिये बनेगी नई नीतिgaonconnection

देहरादून (भाषा)। मोबाइल टावरों से स्वास्थ्य पर किसी प्रतिकूल प्रभाव को नकारते हुए केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह एक ऐसी नई नीति बनाने जा रहा है जिसके तहत टावरों को लगाना आसान हो जायेगा।

केंद्रीय दूरसंचार सचिव जेएस दीपक ने बताया कि यह नीति अगले दो महीनों में तैयार हो जायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में संबद्ध पक्षों से हमारी बातचीत चल रही है और मुझे लगता है कि अगले दो महीने में यह नीति तैयार हो जायेगी।'' दीपक ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया में अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं हुआ है जिससे मोबाइल टावरों के विकिरण से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की बात कही गयी हो। उन्होंने कहा कि चाहे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) हो या कोई और संस्थान किसी का भी अब तक इस पर ऐसा कोई अध्ययन सामने नहीं आया है।

कॉल ड्राप का जिक्र करते हुए दूरसंचार सचिव ने कहा कि कम मोबाइल टावरों का होना भी इसका एक कारण हो सकता है। इस बारे में उन्होंने कहा कि अभी देशभर में सिर्फ पांच लाख मोबाइल टावर हैं। हांलांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिये कितने और मोबाइल टावरों की ज़रुरत है।

उन्होंने नई दिल्ली में अकबर रोड का हवाला देते हुए कहा कि पहले वहां कनेक्टिविटी न के बराबर थी लेकिन अब मोबाइल टावर लगने से कनेक्टिविटी ठीक हो गयी है और काल ड्राप के मामले बहुत कम हो गये हैं। सचिव ने बताया कि बीएसएनएल भी अपनी अलग से एक मोबाइल टावर कंपनी बनाने जा रही है जिससे कनेक्टिविटी की समस्या कम हो जायेगी।

 

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