मुजफ्फरनगर दंगा: उत्तर प्रदेश सरकार को क्लीन चिट
गाँव कनेक्शन 7 March 2016 5:30 AM GMT

लखनऊ। मुजफ्फरनगर दंगों पर जस्टिस विष्णु सहाय कमीशन की जांच रिपोर्ट रविवार को विधानसभा में पेश की गई। 700 पेज की इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार को क्लीन चिट दी गई है। रिपोर्ट कहती है कि दंगे के समय मुजफ्फरनगर के एसएसपी रहे सुभाष चंद्र दूबे और एलआईयू इंस्पेक्टर प्रबल प्रताप सिंह मामले में दोषी हैं। इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने की सिफारिश भी रिपोर्ट में की गई है। साथ ही एडीजी से भी मामले में सफाई मांगी गई है। 7 सितंबर 2013 को मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे जिसकी जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दंगे भड़कने के पीछे 14 कारण गिनाए हैं।
नेताओं की भूमिक पर कमेटी ने क्या कहा
आयोग ने कहा कि मुजफ्फरनगर में आयोजित महापंचायत की रिकॉर्डिंग नहीं की गई। इसलिए सांप्रदायिक दंगों के लिए नेताओं को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
फेल रहा लोकल इंटेलीजेंस
- जांच रिपोर्ट कहती है कि मामले में लोकल इंटेलीजेंस पूरी तरह से नाक़ाम रहा। उसने महापंचायत में शामिल होने आ रहे लोगों की सही जानकारी नहीं दी।
- मेरठ जोन के तब के आईजी बृजभूषण और डीएम कौशल राज ने जो जानकारी दी उसके आधार पर पंचायत में 20-25 हजार लोगों को शामिल होना था। हालांकि, महापंचायत में 40-45 हजार लोग शामिल हुए।
- भीड़ ज्यादा होने के बावजूद अफसरों ने भीड़ को महापंचायत में जाने से नहीं रोका।
- इसके चलते सांप्रदायिक तनाव हुआ और मुजफ्फरनगर दंगे में तब्दील हो गया।
मुजफ्फरनगर के तत्कालीन डीएम से होगा सवाल जवाब
पहला सवाल
नगला मंडौर में आयोजित महापंचायत के लिए घोषित तारीख के पहले इंटेलीजेंस ने जो सूचना दी थी। उसके बाद संभावित भीड़ को रोकने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उन्होंने क्या किया?
दूसरा सवाल
महापंचायत में दिए गए भाषण की रिकॉर्डिंग करने के लिए क्या व्यवस्था की गई थी?
तीसरा सवाल
अगर रिकॉर्डिंग और वीडियोग्राफी नहीं कराई गई, तो इसकी क्या वजह थी ?
मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया
आयोग ने ये भी कहा है, सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया ने दंगे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। जिसके चलते हालात और खराब हो गए। मीडिया अपनी ज़िम्मेदारियों से बच नहीं सकता। लेकिन सोशल या प्रिंट मीडिया को दंगों के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
संगीत सोम के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई
जांच आयोग ने ये भी कहा है कि यू ट्यूब पर जो वीडियो क्लिप अपलोड की गई थी उस मामले में संगीत सोम और दूसरे लोगों पर केस पहले से ही दर्ज है। इसलिए सरकार कोई भी दूसरी कार्रवाई नहीं कर सकती।
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