58 वर्ष की महिला ने बंद कराया शराब का ठेका

Neetu SinghNeetu Singh   29 April 2017 1:18 PM GMT

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58 वर्ष की महिला ने बंद कराया शराब का ठेकाग्रामीण महिलाओं का समूह अपने गाँव स्तर की समस्याओं को अब खुद ही निपटा रहा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

इलाहाबाद। ग्रामीण महिलाओं का समूह संगठित होकर अपने गाँव स्तर की समस्याओं को अब खुद ही निपटा रहा है। ये महिलाएं न तो बहुत ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं और न ही इनके ऊपर कोई बहुत बड़ा हाथ है, अगर इनके पास कुछ है तो वो इनका संगठित समूह है।

इलाहाबाद जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर पूरब दिशा में जसरा ब्लॉक की रहने वाली सरजू देवी रैदास (58 वर्ष) की अगुवाई में वर्षों से चल रहे शराब ठेके को ग्रामीण महिलाओं ने संगठित होकर बन्द करवाया। इन महिलाओं की अगली कोशिश है कि गाँव से जुआ भी बन्द हो।

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सरजू देवी रैदास उत्साहित होकर बताती हैं, “पहले हम बोलना नहीं जानते थे, लेकिन जब से महिला समाख्या से जुड़े, मीटिंग में गये तो जानकारी बढ़ी, अब गाँव की कोई भी समस्या होती है तो हम सिर्फ अगुवाई करते हैं, सैकड़ों महिलाएं हमारे साथ होती हैं।” जसरा गाँव की आबादी 6000 है, गाँव के लोग ज्यादातर मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

महिला समाख्या की इलाहाबाद की जिला समन्यवक पंकज सिंह का कहना है, “हमारे कार्यक्रम से ज्यादातर वो महिलाएं जुड़ी थी जो अशिक्षित और मजदूर थी। जिनकी कोई सुनने वाला नहीं था जो खुद सवाल करने में सक्षम नहीं थी।” वो आगे बताती हैं, “हमारे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं को साक्षर कर उन्हें उनके अधिकारों के लिए सवाल करने के सक्षम और जागरूक करना।”

इन महिलाओं ने सिर्फ शराब ठेका ही बन्द नहीं कराया, बल्कि कोटेदार समय पर सही मात्रा में राशन दे, ठेकेदार मजदूर महिलाओं को समय से मजदूरी दे, बंधुआ मजदूरी से मुक्ति जैसे तमाम कार्यों को पूरा किया है। सरजू देवी कहती हैं, “हमारी महिलाओं के संगठित समूह को देखकर अब गाँव का कोई भी बड़ा आदमी हमे परेशान नहीं करता है। हमें अपने हक़ और अधिकार पता चल गये हैं।”

रैली निकाली, थाने-कचहरी तक गईं

सरजू देवी बताती है, “एक समय था जब हमारी अपनी कोई पहचान नहीं थी, महिला समाख्या में जुड़ने के बाद हमने साइन करना सीख लिया, गाँव से लेकर थाने तक हर कोई अब हमें जानता है।” जसरा गाँव का शराब ठेका बन्द करना इतना आसान नहीं था, लेकिन जब सरजू देवी की अगुवाई में गाँव की 200 महिलाओं ने गाँव से लेकर ब्लॉक तक पांच किलोमीटर रैली निकाली, थाने कचहरी गयी तब कहीं मुश्किल से गाँव से शराब ठेका हटवा पायी।

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