अब बाल विवाह की बेड़ियां तोड़ेगा ‘बंधन तोड़’ ऐप 

Astha SinghAstha Singh   21 Sep 2017 5:41 PM GMT

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अब बाल विवाह की बेड़ियां  तोड़ेगा ‘बंधन तोड़’ ऐप फ़ोटो: इंटरनेट 

लखनऊ। बिहार में बाल विवाह को जड़ से समाप्त करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक मोबाइल ऐप तैयार किया है। यह ऐप न केवल बाल विवाह को रोकने में बल्कि दहेज और अन्य कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ने में भी मदद करेगा।

संयुक्त राष्ट्र पॉप्युलेशन फंड द्वारा समर्थित इस ऐप को 270 सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन ने मिलकर तैयार किया है। जेंडर अलायंस बिहार पहल के तहत लॉन्च किए गए इस ऐप का नाम 'बंधन तोड़' है। यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड के थिंक टैंक जेंडर अलाएंस की ओर से आयोजित लॉन्चिंग समारोह में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, 'दहेज प्रथा बाल विवाह सिर्फ कानून बना देने से नहीं रुकेगा। इसके लिए समाज के सभी वर्गों को साथ मिलकर काम करना होगा।'

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‘बंधन तोड़' एक खास तरह का ऐप है, जिसका मकसद है समाज में लैंगिक बराबरी लाना। इस ऐप को जेंडर एलायंस ने तैयार किया है। जेंडर एलायंस बिहार में लिंग समानता स्थापित करने के लिए 270 चैरिटी संस्थाओं का संयुक्त प्रयास है। इस ऐप को हाल ही में बिहार राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लॉन्च किया।

बंधन तोड़ मोबाइल ऐप से बाल विवाह और दहेज प्रथा को रोकने के साथ लड़कियों को शिक्षित भी किया जाएगा। इसके तहत लोगों को आधुनिक तकनीक का बेहतर इस्तेमाल कर बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूक किया जाएगा।

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समारोह में बाल विवाह से इनकार कर शिक्षा हासिल कर रही कई बच्चियों को सम्मानित भी किया गया। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल किया जा सकता है। इसके बाल विवाह दहेज प्रथा के प्रति लोगों को जागरूक करने और कानूनी जानकारी देने के साथ विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी दी जाएगी। इस एप से बिजली का बिल जमा करने पर छूट भी मिलेगी।

अब भी नहीं ख़त्म हुयी ये प्रथा

बाल विवाह एक अपराध है लेकिन पारंपरिक रूप से भारतीय समाज में यह प्रथा चलती आ रही है। इसलिए बाल विवाह के खिलाफ शिकायतें कम ही दर्ज होती हैं। कार्यकर्ता कहते हैं कि बाल विवाह के चलते लड़कियां पढ़ाई पूरी नहीं कर पातीं और साथ ही यौन शोषण और घरेलू हिंसा के कई मामले सामने आते हैं। चैरिटी संस्थान 'ऐक्शन ऐड' (भारत) ने इस साल अपनी रिपोर्ट में कहा था कि तमाम कानूनी प्रयासों के बावजूद अब भी बाल विवाह जैसी कुप्रथा समाज में जमी है।

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क्या होंगे फीचर्स

अगर कहीं बाल विवाह हो रहा है तो इसे रोकने और लड़की तक तुरंत मदद पहुंचाने के लिए इस एप में एसओएस बटन होगा। अगर किसी नाबालिग लड़की की शादी हो रही है, तो वह इसके जरिए मदद मांग सकती है। उसके मदद मांगते ही इसकी जानकारी जेंडर अलाएंस मुख्यालय, विभिन्न सिविल सोसाइटी, एनजीओ आदि के पास पहुंच जाएगी।

बाल विवाह का एक बड़ा कारण पढ़ाई का बीच में छूट जाना होता है। ऐसे में इस एप पर चर्चित शिक्षकों के 7वीं से 12वीं कक्षा के वीडियो लेक्चर हिंदी में मौजूद रहेंगे। इसकी मदद से शहरी इलाके के आम छात्र भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ले सकते हैं। यह लेक्चर बिहार बोर्ड के सिलेबस के मुताबिक होंगे। इसे गांव की जागरूक महिलाओंके साथ भी जोड़ा जाएगा। महिलाओं के समूह के जरिए इसका सही इस्तेमाल हो सकता है।साथ ही साथ दहेज प्रथा और बाल विवाह से संबंधित कानूनी जानकारी भी दी जाएगी।

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इस बंधन तोड़ ऐप के माध्यम से बिहार बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार विभिन्न विषयों के ऑनलाइन वीडियो लेक्चर मौजूद रहेगा। जिसमें राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध शिक्षक पढ़ाते हुए दिखेंगे. इस ऐप को इंस्टॉल करने पर यूजर को सौ रुपए का डिजिटल अमाउंट भी उसके मूवीक्यूक वॉलेट में मिलेगा। जो भी है इसे दूसरे को इंस्टॉल करने के लिए रेफर करेगा तो इनस्टॉल होने के बाद उसे 50 रुपए मिलेंगे।

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