स्तन कैंसर : जागरुकता ही है एकमात्र इलाज

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स्तन कैंसर : जागरुकता ही है एकमात्र इलाजस्तन कैंसर महिलाओं में होने वाली एक भयावह बीमारी है। इससे बचने का सिर्फ जागरूकता ही एक उपाय है।

लखनऊ। ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाली एक भयावह बीमारी है। इससे बचने का सिर्फ एक ही उपाय है जागरूकता। महिलाओं में होने वाले इस कैंसर के वास्तविक कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि यह हार्मोनल या अनुवांशिक कारणों से होता है।

स्तन कैंसर से जुड़े तथ्य

  • स्तन कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 40 वर्ष की उम्र के बाद इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • अगर परिवार में पहले से किसी को कैंसर रहा है, तो 40 वर्ष की उम्र के होने के बाद, साल में एक बार जांच ज़रूर कराएं।
  • अगर आप धूम्रपान या मादक पदार्थो का सेवन करती हैं तो भी आपमें कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
  • स्तन कैंसर के पीछे के कारण और लक्षण के बारे में लखनऊ की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ पुष्पा जायसवाल बताती हैं, “महिलाओं में कम उम्र में स्तनों में छोटी गांठें हो जाती हैं जिन्हें वे नजरंदाज कर देती हैं या झिझक के कारण किसी को नहीं बताती। सही समय पर उपचार न मिल पाने के कारण वे कैंसर का रूप ले लेती हैं। स्तनों में गाठों के कारण वे ठीक से विकसित नहीं हो पाते हैं और कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ने लगती हैं।”

साभार: इंटरनेट

स्तन कैंसर के कारण

आयु: आयु बढ़ने के साथ-साथ स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ते जाता है।

कोई कैंसर: यदि आपको पहले से कैंसर है या स्तन संबंधित रोग है तो इसका खतरा बढ़ जाता है।

हार्मोन: एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन से लंबे समय तक संसर्ग में आने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है।

जीवनशैली: अल्कोहलिक और अव्यवस्थित लाइफस्टाइल या अधिक वजन होना स्तन कैंसर का कारण बनता है।

आनुवांशिक: स्तन कैंसर आनुवांशिकी प्राप्त किसी जीन के कारण होता है।

स्तन कैंसर के लक्षण

  • स्तन पर या बांह के नीचे (बगल में) उभार या मोटापन।
  • निप्पल से पानी या खून जैसा रिसाव होना।
  • निप्पल्स का अंदर की ओर धंसना।
  • स्तन पर लालिमा या सूजन।
  • स्तन स्किन पर किसी संतरे जैसी बनावट के गड्ढे बनना।
  • स्तन की गोलाई में कोई बदलाव जैसे एक का दूसरे की अपेक्षा ज़्यादा उभर आना।
  • स्तन की त्वचा पर कोई फोड़ा या अल्सर जो ठीक न होता हो।

लगातार बढ़ रहा ख़तरा

बदलती जीवनशैली ने स्तन कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा दिया है। साल दर साल भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है। एक अंग्रेजी मेडिकल जर्नल, द लांसर, के मुताबिक, भारत में 20 से 25 साल तक की लड़कियों में ये बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है।

क्या कह रहे हैं आंकड़े

  • लांसर के अनुसार भारत 2020 तक स्तन कैंसर रोगियों के आंकड़ों पर 5वां सबसे अधिक ग्रसित देश बनने वाला है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के चौंकाने वाले आंकड़े के अनुसार आज भारत में स्तन कैंसर की दर लगातार बढ़कर प्रति एक लाख औरतों में 10 से बढ़कर 23 तक पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार ये आंकड़े आने वाले समय में बढ़ सकते हैं।
  • आमतौर पर स्तन कैंसर 45-30 साल की उम्र की महिलाओं में होता था। लेकिन अव्यवस्थित जीवनशैली और बेढंग दिनचर्या के चलते आज ये उम्र घटकर 25 से 30 हो गई है। अब तो महज 17-18 वर्ष की लड़कियों में भी स्तन कैंसर के लक्षण पाए गए हैं।

इनके सेवन से स्तन कैंसर की संभावना कम

काली चाय: चाय एक ऐसा पदार्थ है जो आसानी से हर घर में पाया जाता है और लोकप्रिय पेय पदार्थ है। काली चाय में एपि गैलो कैटेचिन गैलेट नाम का रसायन होता है जो स्तन कैंसर से शरीर को सुरक्षा प्रदान करता है। यह स्तन में ट्यूमर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। परन्तु एक अध्ययन से यह पता चला है कि जो लोग बहुत गर्म काली चाय पीते है उनमें स्तन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्म तापमान कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करते हैं। इसलिए गुनगुना गर्म चाय पीना सेहत के लिए अच्छा होता है।

खट्टे फल: खट्टे फलों में फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने में मदद करते हैं। खट्टे फलों में सेब, अंगूर,पीच, नाशपाती, केला आदि का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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