कॉलस्ट्रम देगा बच्चे को बीमारी से लड़ने की ताकत
Shrinkhala Pandey 23 Oct 2017 7:06 PM GMT

लखनऊ। बच्चों को स्तनपान कराने को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। लेकिन डाक्टरों का कहना यही है कि जन्म के छह माह तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही दें। जन्म के समय पहली बार दिया गया मां का दूध बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है इसे कॉलस्ट्रम कहा जाता है।
लखनऊ की बाल व स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ रूपा शर्मा बताती हैं, प्रसव के बाद मां को तुंरत दूध नहीं आता, डिलीवरी के 2 से 4 दिन बाद उन्हें कॉलस्ट्रम आना शुरू होता है, जो अलग तरह का होता है। कॉलस्ट्रम पोषक तत्वों से भरपूर, एंटीबॉडी युक्त, पीले रंग का मां का दूध जो प्रसव के ठीक बाद आता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीबॉडीज, कैल्शियम, वसा, प्रोटीन और सफेद ग्लोब्यूल्स होते हैं कि इसे बच्चे का 'पहला रोग-प्रतिरक्षण (टीका)' कहा जाता है। यह बच्चे को बीमारी से लड़ने की क्षमता देता है।
डॉ शर्मा आगे बताती हैं, कॉलस्ट्रम में काफी मात्रा में विटामिन-ए पाया जाता है जो बच्चों को कई आंख संबंधी बीमारियों से बचाता है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (2015-16) में एक सर्वे के दौरान ये बात सामने आई कि कई भारतीय राज्यों में 45 प्रतिशत से ज्यादा नवजातों को जन्म के पहले एक घंटे में स्तनपान नहीं कराया जाता है।
बच्चे की मानसिक वृद्धि के लिए फायदेमंद
मां के दूध मे कुछ ऐसे अम्ल होते हैं, जो बच्चे के दिमाग का विकास पूरी तरह से करते हैं। न्यूरोइमॉगे में प्रकाशित ऐ अध्ययन में ये बताया गया कि मां का दूध बच्चे के मानसिक विकास के लिए बहुत सहायक हैं।
बोतल से दूध बच्चे के लिए नुकसानदायक
गोरखपुर के डॉ केएन द्विवेदी के अनुसार, " बच्चे को बोतल से दूध नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि उससे इन्फेक्शन (संक्रमण) होने का खतरा होता है, बोतल से दूध पीने से बच्चे के सांस की नली में दूध जा सकता है। बोतल का दूध पीने वाले बच्चे में सामान्य स्तनपान करने वाले बच्चे से चार से पांच गुना अधिक 'ऐसपिरेशनल निमोनिया' होने का खतरा होता है। बोतल से दूध पीने के दौरान श्वास नली में दूध चला जाता है जिसकी वजह से बच्चे निमोनिया के खतरे में आ जाते हैं।"
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