महिला दिवस विशेष: महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ रहीं ढुनगा देवी
Divendra Singh 8 March 2018 11:45 AM GMT
कभी अपनी मजदूरी के पैसे के लिए दूसरों की बातें सुनने वाली महिला आज महिला मजदूरों की आवाज बनकर उनको हक दिला रही है, जहां भी महिलाओं के हक़ की बात आती है, उनकी लड़ाई लड़ने आ जाती है।
प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से उत्तर-पूर्व दिशा में पट्टी ब्लॉक के रायपुर गाँव की ढुनगा देवी (55 वर्ष) देखने में दूसरी महिलाओं की तरह ही हैं, लेकिन जब भी महिलाओं के हक़ की बात आती है, सबसे आगे वही रहती हैं। मनरेगा मजदूर से मनरेगा सोशल ऑडिट सेल की सदस्य बनने वाली ढुनगा नारी चेतना का मुखर स्वर हैं।
ढुनगा देवी बताती हैं, “पहले मैं भी अपने गाँव में मजदूरी ही करती थी, न काम मिलता और न ही समय पर मजदूरी, लोगों को लगता था कि औरत है क्या कर पाएगी।” तब उन्होंने चिंगारी नारी संघ नाम से महिलाओं का संघ बनाया, जहां भी महिलाओं की हक़ की बात आती वो पहुंच जातीं। उनकी इस लड़ाई में तरुण चेतना संस्था के निदेशक मो. नसीम अंसारी ने पूरा सहयोग दिया, जिसके बाद उन्होंने नारी संघ का गठन कर लिया।
ढुनगा देवी ने अब तक 100 से अधिक महिलाओं को न्याय दिलाया हैं। महिलाओं ने उनको ग्राम पंचायत सदस्य चुन लिया। महिलाओं की तरक्की पर अपनी बात रखने के लिए पैक्स संस्था दिल्ली द्वारा ढुनगा का विशेष संबोधन कराया गया।
महिलाओं को बनाया साक्षर
गाँव में महिलाएं अनपढ़ होने की वजह से सबसे परेशान होती हैं, रायपुर गाँव की दुलारी (40 वर्ष) बताती हैं, “हम लोग पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन ढुनगा दीदी हम लोगों को घर से बुलाकर लेकर जातीं अब हम लोग कोई भी काम होता है खुद से कर लेते हैं। किसी से कहने नहीं जाना पड़ता है।”
ढुनगा ने मनरेगा मजदूरों के साथ ग्रामीण महिलाओं को भी संगठित करके उनके अधिकारों की लड़ाई गाँव से जिला स्तर तक लड़ी। अब तक 100 से अधिक महिलाओं को न्याय दिला चुकी हैं।
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