इस बीमारी की वजह से महिलाएं नहीं बन पातीं हैं मां, जानिए इसके लक्षण व बचने के उपाय
Shrinkhala Pandey 19 Feb 2018 5:03 PM GMT
बदलती जीवनशैली ने हमें कई नई बीमारियां भी दी हैं इससे महिलाएं भी अछूती हीं हैं। कई ऐसी बीमारियां जो आज से वर्षों पहले नहीं था अब तेजी से पैर पसार रही हैं। इनमें से पॉलिसिस्टक ओवेरियन सिंड्रोम यानि पीसीओएस भी एक ऐसी ही बीमारी है, जिसने पिछले दस साल में महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।
ये बीमारी महिलाओं में हार्मोन्स असंतुलन के कारण होती है जिसके पीछे का एक बड़ा कारण तेजी से बदल रही हमारी जीवनशैली है। इस बीमारी के बारे में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ सुमिता अरोड़ा बताती हैं, “इस बीमारी में सबसे ज्यादा महिलाओं का प्रजनन तंत्र प्रभावित होता है जिससे कई बार वो मां नहीं बन पातीं।”
पॉलिसिस्टक ओवरी सिंड्रोम के होने का प्रमुख कारण अभी तक नहीं पता चल पाया है। कई रिसर्च के मुताबिक इसके अलग-अलग कारण निकल कर आए हैं। किसी को यह जेनेटिक होता है तो कई को खराब जीवनशैली व मानसिक तनाव के कारण यह दिक्कत हो जाती है। कई लड़कियों में जंक फूड और तला-भुना खाना ज्यादा खाने से शरीर में फैट बढ़ जाता है, जिससे भी फीमेल हॉर्मोन ठीक से अपना काम नहीं कर पाते।
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स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ पुष्पा जायसवाल बताती हैं, “ये बीमारी पहले महिलाओं में ही ज्यादा होती थी लेकिन अब टीनएज ग्रुप (15-19 साल) भी इसकी चपेट में आ गया है। इसके बाद 40 साल के ऊपर की महिलाएं, जिनको मेनोपॉज की गुंजाइश होती है, वे इस बीमारी से प्रभावित होती हैं।”
लगभग 70% महिलाएं जो पॉलिसिस्टक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित हैं, उन्हें 40 साल की उम्र के बाद डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
अमेरिक जर्नल क्लीनिकल न्यूट्रीशन में छपे एक अध्ययन के अनुसार पीसीओएस पीड़ित महिलाओं में मोटापा और ब्लड शुगर कम करने वाले ग्लाइसेमिक आहार और कम वसा, उच्च रेशेयुक्त आहार के प्रभाव का परीक्षण किया गया। शोध में पाया गया कि वजन कम करने और ब्लड शुगर नियंत्रित करने वाला खाने वाली महिलाओं में इंसुलिन संवेदनशीलता बेहतर थी।
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लक्षण
- ओवेरियन या यूट्रस कैंसर
- हाई ब्लडप्रेशर
- डायबिटीज टाइप 2
- मोटापा
- वजन बढ़ना
- डिप्रेशन और थकावट
- अनियमित पीरियड
- पेट के निचले हिस्से में दर्द/ पेल्विक पेन
बचने के उपाय
- अगर माहवारी में ज्यादा अनियमितता या बदलाव दिखें तो ध्यान दें।
- खाने में संतुलित आहार को शामिल करें। जंक फूड व ज्यादा तले भुने खाने से दूर रहें।
- रोज सुबह आधे से एक घंटे व्यायाम करें।
- ज्यादा तनाव न लें इससे बचने का उपाय निकालें।
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पी.सी.ओ.एस. का उपचार नहीं किया जा सकता, मगर आपको अपने लक्षणों को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। हो सकता है आप बिना दवाइयों के पी.सी.ओ.एस. को नियंत्रित कर सकें। अगर, आपका वजन सामान्य से अधिक है, तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से स्वस्थ खान-पान और व्यायाम के बारे में सलाह लेनी होगी। स्वस्थ बी.एम.आई. हासिल करने और उसे बनाए रखने से हॉर्मोन स्तरों के संतुलन और लक्षणों में सुधार में मदद मिलती है।
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