महिला सुरक्षा के लिए शुरू हुईं इन तीन योजनाओं के बारे में जानिए
महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शुरू हुई तीन नई पहलें, क्या हैं ये और कैसे काम करेंगी?
गाँव कनेक्शन 19 Feb 2019 8:00 AM GMT
लखनऊ। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 19 फरवरी 2019 को तीन नई योजनाएं शुरू की हैं। राजधानी दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने इनका शुभारंभ किया। पत्र सूचना कार्यालय ने 18 फरवरी को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इनके बारे में जानकारी दी।
क्या हैं ये नई पहल?
1. इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम (Emergency Response Support System)
भारत के सभी मोबाइल फोन्स में अब पैनिक बटन होना अनिवार्य होगा। महिलाएं इस बटन को दबाकर तुरन्त मदद मांग सकेंगी, साथ ही ये ध्यान रखा जाएगा कि सही समय पर उन तक मदद पहुंचे। किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में स्थानीय पुलिस तुरन्त महिला की मदद के लिए पहुंचेगी। गृह मंत्रालय के साथ मिलकर राज्य सरकारों को ये कहा गया है कि महिलाओं को समर्पित एक आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र बनाया जाए, जो कि इस पूरी व्यवस्था के काम का ध्यान रखेगा।
महिलाएं इस तरह से पैनिक बटन्स का इस्तेमाल कर पाएंगी-
- पावर बटन को तीन बार दबा कर
- 112 पर फोन कर के
- फीचर फोन (कीपैड वाले फोन) पर 5 या 9 अंक के बटन को लंबे समय तक दबाए रखकर
- 112 इंडिया मोबाइल एप का इस्तेमाल कर जो कि फ्री डाउनलोडिंग के लिए उपलब्ध होगा
इन में से किसी का भी इस्तेमाल करने पर आपके परिवार के चुनिंदा लोगों और पुलिस के पास तुरन्त एक मैसेज जाएगा कि आप परेशानी में हैं और आपको मदद की आवश्यकता है जिसके बाद वो आपकी मदद के लिए पहुंच जाएंगे। इस प्रणाली के तहत सभी राज्यों को एक समर्पित इमरजेंसी रिस्पॉन्स केन्द्र स्थापित करना होगा। इस केन्द्र में पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य और अन्य आपातकालीन सेवाओं से सम्बन्धित सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए एक टीम होगी, जिन्हें आपातकालीन स्थितियों में काम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। महिलाओं और बच्चों के लिए 112 इंडिया एप एक विशेष फीचर देगा जिससे वो जहां हैं उसके आस-पास के रजिस्टर्ड वॉलेंटियर्स के पास मैसेज जाएगा और वो उन्हें तत्काल मदद पहुंचा सकेंगे।
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हिमाचल प्रदेश और नागालैंड राज्यों में ये पहले ही शुरू हो चुका है, आज इसे 16 और राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में शुरू किया जा रहा है। ये प्रदेश हैं- आंध्र प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, केरल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, पुदुचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान, दादर नगर हवेली, दमन और दीव एवं जम्मू और कश्मीर। इस योजना के लिए कुल 321.69 करोड़ रुपए की राशि निर्भया फण्ड से देने की घोषणा हुई।
2. सुरक्षित महानगर परियोजना
इसके तहत आठ शहरों को चुना गया है- अहमदाबाद, बैग्लौर, चैन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई।
To instil a sense of security in women, Govt has identified 8 cities for implementation of #SafeCity project in the first phase at a cost of Rs. 2,919 crore. #WomenSafety pic.twitter.com/2bqXpFiQSX
— Ministry of WCD (@MinistryWCD) February 19, 2019
- सरकार हर शहर प्रत्येक चिन्हित शहर में ऐसे स्थानों की पहचान करेगी जहां अपराध ज़्यादा होते हैं।
- इन स्थानों पर सीसीटीवी की निगरानी बढ़ाई जाएगी।
- यहां स्ट्रीट लाइट व्यवस्था भी सुधारी जाएगी।
- कुछ शहरों में स्वचालित नम्बर प्लेट रीडिंग (एएनपीआर) और ड्रोन आधारित निगरानी भी करने की व्यवस्था की जाएगी।
- महिलाओं के लिए अलग से पुलिस आउट-पोस्ट तैयार किए जाएंगे।
To ensure #WomenSafety against cases of rape, the Govt has launched the Investigation Tracking System for Sexual Offences to further strengthen the legal framework. pic.twitter.com/euI0JVLRi0
— Ministry of WCD (@MinistryWCD) February 19, 2019
- महिला पुलिसकर्मियों के द्वारा गश्त बढ़ाई जाएगी।
- हर पुलिस स्टेशन में महिला सहायता डेस्क की स्थापना की जाएगी, इस पर एक प्रशिक्षित काउंसलर की सुविधा भी होगी।
- फिलहाल जो आशा ज्योति केन्द्र या भरोसा केन्द्र चल रहे हैं उनमें विस्तार किया जाएगा।
- बसों में कैमरों और सभी सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा।
- महिलाओं के लिए शौचालयों की स्थापना।
- महिला सुरक्षा और लैंगिक संवेदनशीलता पर सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम कराए जाएंगे।
3. डीएनए जांच के लिए विशेष प्रयोगशालाएं
इसके इतर चार राज्यों तमिलनाडु के चैन्नई और मदुरै, उत्तर प्रदेश के लखनऊ और आगरा, पश्चिम बंगाल के कोलकाता और महाराष्ट्र में मुंबई शहर में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में डीएनए विश्लेषण क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक विशेष परियोजना की शुरूआत होगी। ये प्रयोगशालाएं सुनिश्चित करेंगी कि यौन उत्पीड़न के मामले तुरन्त जांच हो। इसके लिए 78.86 करोड़ रुपए की राशि निर्भया फण्ड से प्रदान की गई है।
इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, "महिला सुरक्षा को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की जो चिंताएं रहती हैं उनसे मैं बहुत प्रभावित हूं। गृह मंत्रालय महिला सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। महिला सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय ने अलग से एक डिवीज़न बनाया है। महिला सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए आज ये नए प्रोजेक्ट्स लांच किये गए हैं। इस दिशा में कई कानूनों में भी बदलाव किया गया है। इसे लेकर ईको-फ्रेंडली एक मुकम्मल सिस्टम तैयार किया जा रहा है। आज जो प्रोजेक्ट्स लांच किये गए हैं ये महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत प्रभावी होंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त और समयबद्ध कार्यवाही करने में सक्षम होगी।"
HM Shri @rajnathsingh launching the Emergency Response Support System (ERSS), pan-India emergency number 112, Investigation Tracking System for Sexual Offences (ITSSO) & Safe City Implementation Monitoring (SCIM) project. pic.twitter.com/2Hivui4Ji6
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) February 19, 2019
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आसानी से महिलाओं को समझाने के लिए कुछ पॉइन्ट्स में इन सुविधाओं को समझाने की कोशिश की है। इन ट्वीट्स में आप देख सकते हैं-
Implemented under the #NirbhayaFunds, the #SafeCity projects will design a safe eco-system for women. #WomenSafety pic.twitter.com/iPtwk2GmWt
— Ministry of WCD (@MinistryWCD) February 19, 2019
पैनिक बटन्स के बारे में मंत्रालय ने ट्वीट किया-
With a view to further the Govt's mandate of #WomenSafety & #WomenLedDevelopment, Union Ministers Sh. @Rajnathsingh ji & Smt. @Manekagandhibjp launched #PanicButton, an Integrated Emergency Response System offering end to end support to women in distress across 14 states/ UTs. pic.twitter.com/HGSrnodllh
— Ministry of WCD (@MinistryWCD) February 19, 2019
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