अगर 35 साल के बाद मां बनने की सोच रहीं हैं तो बच्चे को हो सकती हैं ये परेशानियां
Shrinkhala Pandey 15 Dec 2017 4:59 PM GMT

करियर को लेकर महिलाओं में बढ़ रही जागरूकता ने एक नए चलन को बढ़ावा दिया है। महिलाएं न जल्दी शादी करना चाहती हैं और न ही मां बनना चाहती हैं। लेकिन ये बढ़ता चलन उनके और उनके बच्चे दोनों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
लखनऊ के केजीएमयू के क्वीनमेरी की स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ अंजू अग्रवाल बताती हैं, मां बनने के लिए सबसे सही उम्र 20 से 30 साल होती है। इसके बीच में गर्भावस्था सबसे ज्यादा सुरक्षित होती है। बढ़ती उम्रग्र के साथ महिलाओं में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, तनाव आदि की समसयाएं शुरू हो जाती हैं जिससे मां बनने में कई सारी समस्याएं होती हैं।
वो आगे बताती हैं, “मां के साथ बच्चों में भी क्रोमोसोम में डिस्आर्डर व बच्चों की बौद्धिक क्षमता पर भी असर पड़ता है। ऐसे बच्चों में कई तरह के डिस्आर्डर होने लगते हैं जैसे डाउन सिंड्रोम, आटिस्टिक आदि।
लखनऊ की रहने वाली प्रीति सिंह (32 वर्ष) बताती हैं, “मेरी शादी 28 साल में हुई थी। उस समय मैनें बच्चे पर ध्यान नहीं दिया क्योंकि मुझे करियर पर ध्यान देना था। लेकिन उसके बाद जब हमने बच्चा प्लान करने की सोची तो वो परेशानी आई। लंबे समय तक इलाज के बाद जाकर मैं मां बन पाई वो भी सिजेरियरन डिलीवरी हुई।
गुरुग्राम के कोलंबिया एशिया अस्पताल में प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक अमिता शाह ने एक बयान में कहा, "40 या इससे अधिक की उम्र में मां बनने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। पिछले साल की तुलना में इसमें 20 से 30 प्रतिशत तक का बढ़ावा हुआ है। इनमें से अधिकतर महिलाएं उच्च मध्यम वर्ग से हैं और करियर उन्मुख हैं।"
अमृतसर के फोर्टिस एस्कोर्ट्स अस्पताल के स्त्रीरोग विभाग में सलाहकार गुरसिमरन धालीवाल ने भी इस स्थिति पर स्वीकृति जताते हुए कहा कि अधिक उम्र में मां बनने का चलन अब केवल पश्चिमी देशों तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि भारतीय महिलाएं भी इसे अपना रही हैं। महिलाएं केवल करियर और शिक्षा को लेकर ही इस प्रकार के फैसले नहीं ले रही हैं।
"अधिक उम्र में अंडे बनने में समस्याएं, गर्भपात और जन्म से संबंधित परेशानियां अधिक होती हैं। उन्हें आईवीएफ इलाज की जरूरत होती है और 'डोनर एग' इलाज के जरिए अधिक उम्र की महिलाएं गर्भधारण कर पाती हैं। ” ये कहना है लखनऊ की स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ पुष्पा जायसवाल का कहना है।
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वो ओग बताती हैं कि 35 साल की महिलाओं में सीजेरियन ऑपरेशन होने की दर भी काफी ज्यादा है। इस उम्र में पहली बाद माँ बनने वाली महिलाओं में सीजेरियन ऑपरेशन होने की 40 प्रतिशत संभावना होती है, वहीं 20 से 29 साल की आयु में माँ बनने वाली महिलाओं में सीजेरियन की संभावना 14 फीसदी होती है।
अधिक उम्र में गर्भधारण से बच्चों में हो सकती है ये परेशानियां
वे महिलाएं जो 35 वर्ष की आयु के बाद गर्भधारण करती है, उनमें गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। अधिक उम्र में प्रजनन शक्ति खो जाने के अलावा भी उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी अन्य कई परेशानियां हो सकती हैं। जिससे आने वाले बच्चे को कई खतरे होते हैं। 32 साल तक की उम्र में मां बनने में किसी भी प्रकार की जटिलता नहीं आती है, लेकिन इसके बाद हर एक साल के साथ जटिलताओं में एक फीसदी की वृद्धि होती जा रही है। 30 की उम्र के बाद बच्चे के जन्म पर उनमें जेनेटिक असामान्यता के मौके बढ़ जाते हैं। इसमें मुख्य डाउन्स सिंड्रोम है, जिसमें बच्चे दिमागी तौर पर कमजोर, छोटी आंखें, चेहरे में बदलाव आदि असामान्यता शामिल है। इसके अलावा प्रीमेच्योर डिलीवरी जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
मानसिक तौर पर तैयार होना भी जरूरी
दरअसल मां बनने का निर्णय खुद को मानसिक रूप से इस बात के लिए तैयार करना भी है। यदि आप 25 की उम्र तक खुद को मां बनने के लिए तैयार नहीं कर पा रही हैं, तो फिर जबरदस्ती किसी के कहने पर आप इसे पूरा भी नहीं कर सकतीं। बेहतर होगा कि पहले आप खुद को मानसिक तौर पर इसके लिए तैयार करें। शादी के बाद खुद को नए माहौल में ढालने और घर व दफ्तर के बीच सामंजस्य बिठाने के बाद ही कोई स्त्री मां बनने के बारे में सोच पाती है।
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