ओवरियन कैंसर: सामान्य लक्षण होने के कारण महिलाएं कर देती हैं इसे नजरअंदाज़

Shrinkhala PandeyShrinkhala Pandey   26 Dec 2017 4:04 PM GMT

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ओवरियन कैंसर: सामान्य लक्षण होने के कारण महिलाएं कर देती हैं इसे नजरअंदाज़आेवरियन कैंसर महिलाओं के लिए बन रहा जानलेवा

महिलाओं में होने वाले कैंसर में स्तन कैंसर के बाद ओवरी कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं। महिलाओं को इसके बारे में कम जानकारी होती है क्योंकि इसके लक्षण सामान्य होते हैं इसलिए वो इसे नजरअंदाज कर देती हैं जो आगे चलकर जानलेवा बीमारी बन जाती है।

ओवरी कैंसर किसी भी उम्र में महिला को हो सकता है लेकिन ज्यादातर 50 साल से ज्यादा उम्र की औरतों में इसकी संभावना होती है। इस बारे में लखनऊ के विवेकानंद पालीक्लीनिक की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ सुमिता अरोड़ा बताती हैं, “ज्यादातर केस में देखा जाता है कि महिलाओं को इस बीमारी की जानकारी बहुत देर में पता चलती है जिसका एक बड़ा कारण महिला का सेहत के प्रति जागरुक न होना है। ”

डॉ अरोड़ा आगे बताती हैं, “महिला की ओवरी कई तरह की कोशिकाओं से बनती है। गर्भाश्य के आस-पास मौजूद दो छोटे अंगों को ओवरी या अंडाशय कहते हैं। यह महिला के प्रजनन अंग का एक हिस्सा है, जिसकी मदद से ही महिला गर्भधारण करने में सक्षम होती हैं।”

ओवरी के कैंसर में किसी तरह का घाव होने से कैंसर हो जाता है, इस कैंसर के लक्षण सामान्य होते हैं, इसलिए सामान्यता महिलाएं इसे नजरअंदाज कर देती हैं जबकि इसका पता मात्र अल्ट्रासाउंड से लगाया जा सकता है। हर साल डॉक्टर से पेल्विक जांच कराना जरूरी है।”

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लक्षण

  • पेट में दर्द, मरोड़, गैस और सूजन
  • डायरिया या कब्ज की समस्या
  • भूख न लगना
  • अचानक वजन का कम होना या बढ़ जाना।
  • पीरियड्स न होने पर भी ब्लीडिंग होना।

ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं। ज्यादातर मामलों में ओवरी कैंसर के बारे में तब पता चलता है जब वह काफी आगे बढ़ चुका होता है। यदि कैंसर का शुरुआती तौर पर पता चल जाएं तो इसका इलाज संभव है। ओवरी कैंसर होने के कई कारण हैं। इन्फर्टिलिटी का लंबा उपचार, आनुवांशिकता, पहले ब्रेस्ट या कोलोन कैंसर होना, बच्चा न होना आदि इसके कारण हो सकते हैं।

लखनऊ की रहने वाली अनंया जोशी (56वर्ष) को ओवरी कैंसर है और ये बात उन्हें दूसरे स्टेज पर पता चली। इलाज के लिए साथ आई उनकी बेटी सुचिता जोशी (23वर्ष) बताती हैं, “मां की तबीयत हमेशा थोड़ी थोड़ी खराब रहती थी लेकिन वो किसी का बताती नहीं थीं। खाना पीना भीबहुत कम हो गया था, फिर पेट में दर्द लगातार रहने पर हमने डाक्टर को दिखाया जांच में पता चला कि उन्हें कैंसर है।”

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इस कैंसर का इलाज कितना संभव है इस बारे में लखनऊ में की निजी महिला रोग विशेषज्ञ डॉ पुष्पा जायसवाल बताती हैं, महिलाओं में ओवरियन कैंसर का इलाज, वह कौन से स्टेज पर है ये तय करता है। कैंसर के उपचार के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन ये सारी थेरेपी महिला का कैंसर किस स्टेज पर है इसपर निर्भर करता है।

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