महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अधिकार देने का प्रधानमंत्री ने किया आह्वान, महिला सरपंचों से गांवों को अव्वल बनाने की अपील

Deepak AcharyaDeepak Acharya   8 March 2017 9:18 PM GMT

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महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अधिकार देने का प्रधानमंत्री ने किया आह्वान, महिला सरपंचों से गांवों को अव्वल बनाने की अपीलप्रधानमंत्री ने महिलाओं को सम्मानित भी किया।

गांधीनगर (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय महात्मा मंदिर में आयोजित "स्वच्छ शक्ति 2017 समापन कार्यक्रम" के दौरान देश भर से पधारी 5000 महिला सरपंचों को संबोधित किया। अपने उद्बोधन से पहले प्रधानमंत्री ने देश के अलग-अलग हिस्सों से पधारी उन खास दस महिलाओं को अवार्ड देकर भी सम्मानित किया जिन्होने भारत सरकार के स्वच्छता अभियान में अपनी उत्कृष्ट भागीदारी करते हुए समाज में सकारात्मकता लायी है। अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने एक सर्वे का जिक्र किया जिसमें बताया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की समझ ज्यादा बेहतर और तत्पर होती है और महिलाएं औसतन पुरुषों की तुलना में किसी भी दिए गए कार्य को समय रहते पूरा कर लेती हैं। "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" अभियान में महिला सरपंचों की अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने तमाम महिला सरपंचों से अपील भी की कि हर महिला सरपंच तय कर ले कि उनके क्षेत्र में किसी भी सूरत में भ्रूण हत्या ना हो। हर प्रांत में लिंगानुपात बराबर रखने में महिला सरपंचों की सक्रिय भूमिका हो सकती है। अलग-अलग प्रांतों में महिलाओं की अनुपात पुरुषों की संख्या में कम होने के लेकर प्रधानमंत्री ने चिंता जाहिर की। बेटियों को समान अधिकार और शिक्षा पर भी उन्होंने खासा जोर देकर अपनी बात रखी।

अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने महिला सरपंचों के कार्यों की बेहद सराहना की। महात्मा गांधी के दिए वक्तव्य को याद करते हुए उन्होने बताया कि महात्मा गांधी को भी राजनैतिक स्वतंत्रता से ज्यादा महत्वपूर्ण हमारे आस-पास की गंदगी से स्वतंत्रता जरूरी लगती थी। उन्होने अपनी बात आगे रखते हुए बोला कि 2019 में जब हम गांधीजी की 150 वीं जन्म शताब्दी मनाएंगे तब तक हमारे देश में हर तरफ स्वच्छता दिखायी देने लगेगी। उन लोगों का भ्रम टूट जाएगा जो स्वच्छता अभियान जैसी योजनाओं की सफलता पर निशान खड़े करते रहे हैं। स्वच्छता अभियान में मीडिया के सकारात्मक रवैये को लेकर भी उन्होने अपनी बात रखी। करीब 45 मिनिट तक चले उनके उद्बोधन का केंद्र बिंदू स्वच्छता अभियान ही रहा।

ओलम्पिक में महिलाओं की विजय पताका के लिए सभी महिलाओं को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने बेटियों को शिक्षा, खान-पान और हर क्षेत्र में समान अधिकार देने का आह्वान किया। महिला सरपंचों को अपने कद का सकारात्मक उपयोग कर गांवों को अव्वल बनाने की अपील भी की।

गांवों का भी हो जन्मदिन: प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन के दौरान महिला सरपंचों से अपील करी कि वे साल का कोई एक दिन तय कर लें, उस दिन को गांव का जन्मदिन कहा जाए। इसे किसी त्यौहार की तरह मनाया जाए और उन लोगों को वापस गांव बुलाया जाए जो रोजगार और नौकरी के चक्कर में गांव छोड़कर शहर की ओर कूच कर गए हैं। गांवों को स्वच्छ और खूबसूरत बनाया जाए कि शहरों से लोग स्वस्थ जीवन के लिए हफ्त में एक दो बार गांव आकर रहें। गांवों को टेक्नोलॉजी की मदद से जोड़ा जाए, विकसित किया जाए लेकिन इनका मूल स्वरूप ना बदले।

प्रधानमंत्री के उद्बोधन से पहले लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी महिला दिवस पर सभी लोगों को बधाईयां दी और बताया कि महिलाएं अपने गहनों को बेचकर घरों में शौचालय तैयार करवा रही हैं, ये महिलाओं की जीत है, स्वच्छ शक्ति की जीत है। इस कार्यक्रम में गुजरात राज्य के महामहिम राज्यपाल ओ.पी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के अलावा केंद्र सरकार के मंत्रीगण स्मृति इरानी, नरेंद्र तोमर, साध्वी निरंजन ज्योति, पुरुषोत्तम रुपाला के अलावा केंद्र और राज्य सरकार के आला अफसर भी मौजूद रहे।

इन दस महिलाओं को मिला स्वच्छ शक्ति २०१७ अवार्ड

  1. छत्तीसगढ़ के चीचा गांव की सरपंच उत्तरा ठाकुर
    २. हरियाणा की नीलम कौर
    ३. राजस्थान के कडेल गांव की आशा
    ४. उत्तरप्रदेश की फैजाबाद की मंजू मौर्य
    ५. असम की सुमित्रा कुमारी
    ६. पश्चिम बंगाल की शबानी दकोई
    ७. कर्नाटक की अकम्मा
    ८. तमिलनाडू की एम मल्लिका
    ९. महाराष्ट्र की सुशीला कुरकुट्टे
    १०. गुजरात की रमीला गामित

उत्तरप्रदेश की महिला सरपंच ने मचाया शोर

महात्मा मंदिर में प्रधानमंत्री के उद्बोधन से ठीक पहले गौतमबुद्ध नगर की महिला सरपंच शालिनी राजपूत ने जोरदार नारेबाजी करनी शुरु कर दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला राज्य सरकार के सुस्त रवैये और अपनी समस्याओं को लेकर पीएमओ के कई चक्कर लगा चुकी है, मगर उसकी समस्याएं नहीं सुनी गयी और आज यहाँ इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री से मिलने की बात पर उन्हें सेक्यूरिटी ने रोक दिया तो उन्होने हंगामा शुरु कर दिया, बाद में उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

        

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