अब गाँव की बेटियां भी सीखेंगी आत्मरक्षा के गुर

Sundar ChandelSundar Chandel   28 Dec 2017 11:30 AM GMT

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अब गाँव की बेटियां भी सीखेंगी आत्मरक्षा के गुरफाइल फोटो

तरूण अग्रवाल, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

मेरठ। अक्सर महिला सुरक्षा प्लान केवल शहर तक ही सिमट कर रह जाते हैं, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है जब सरकार ने गाँव की बेटियों को भी आत्मरक्षा के गुर सिखाने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने सभी जिलों के एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि गाँव के स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को जुड़ो कराटे से लेकर बाइक तक की ट्रेनिंग दी जाए। ताकि छात्राएं अपनी रक्षा स्वयं करने मे निपुण हो। एसएसपी मंजिल सैनी ने इसके लिए टीम तैयार कर दी है।

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ग्राम प्रधानों से मांगी सूची

योजना के तहत सभी ग्राम प्रधानों से स्कूलों की सूची मांगी गई है। ताकि पुलिस टीम गाँवों में जाकर छात्राओं को जुडो कराटे समेत रक्षात्मक उपाय सिखा सकें। इसके लिए महिला पुलिस की टीम बनाई गई है। जिसका नोडल अधिकारी एक महिला दरोगा को बनाया गया है। पुलिस जनवरी माह से महिला सुरक्षा अभियान गांवों में चलाएगी।

अब तक सिर्फ शहर में ही महिला सुरक्षा अभियान चलते थे। लेकिन पहली बार गाँव-गाँव पुलिस जाकर वहां की छात्राओं को सुरक्षा के गुर सिखाएंगी।
मंजिल सैनी दहल, एसएसपी मेरठ

पढाई तक छोड़ चुकी हैं छात्राएं

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि कई स्कूल कालेज गाँव से दूर होते हैं। छात्राओं को काफी दूर पैदल चलकर पढने जाना पड़ता है। कई जगह छात्राओं का मनचलों से भी सामना होता है। तो कई जगह मनचलों का डर सताता रहता है। अभिभावक भी छात्राओं की सुरक्षा के लिए चिंतित रहते हैं। कई गाँवों में छात्राएं मनचलों के भय से पढाई तक छोड़ चुकी है। यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार को खूफिया विभाग से मिली थी। रिपोर्ट को ध्यान में रखते ही प्रदेश सरकार ने देहात की छात्राओं को आत्मरक्षक बनाने का फैसला लिया है।

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बाइक चलाना भी शमिल

एसपी देहात राजेश कुमार बताते हैं कि गाँव की छात्राओं को जुडो-कराटे के साथ बाइक चलाना भी सिखाया जाएगा। इसके लिए गाँवों में महिला पुलिस की टीम जाएगी। स्थानीय थाना पुलिस को इसके बारे में अवगत करा दिया गया है। थाना पुलिस भी गांव के प्रधानों से संपर्क कर रही है। साथ ही स्कूल प्रशासन से भी संपर्क किया जा रहा है।

एसएसपी मेरठ, मंजिल सैनी कहती हैं, “अब तक सिर्फ शहर में ही महिला सुरक्षा अभियान चलते थे। लेकिन पहली बार गाँव-गाँव पुलिस जाकर वहां की छात्राओं को सुरक्षा के गुर सिखाएंगी। मनचलों से कैसे निपटें इसके बारे में पूरी जानकारी महिला पुलिस द्वारा छात्राओं को दी जाएगी। इसके लिए टीम बना दी गई है। प्रधानों से स्कूलों की सूची आते ही काम ट्रेनिंग शुरू कर दी जाएगी।”

     

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