कभी स्मार्ट फ़ोन से लगता था डर, आज उसी से बदल रहीं दूसरों की जिंदगियां

Divendra SinghDivendra Singh   23 Nov 2018 12:23 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कभी स्मार्ट फ़ोन से लगता था डर, आज उसी से बदल रहीं दूसरों की जिंदगियां

गिलौला(श्रावस्ती)। कभी स्मार्ट फ़ोन के नाम से डरने वाली प्रीति आज उसी स्मार्ट फ़ोन से लोगों की ज़िंदगी बदल रही हैं और दूसरी महिलाओं की झिझक तोड़ रहीं हैं।

महिलाओं को पढ़ाती भी हैं प्रीति

श्रावस्ती ज़िले के गिलौला ब्लॉक के पचदेवरी माफी गाँव की प्रीति राव स्मार्ट फ़ोन के ज़रिए लोगों को जागरूक करती हैं। वो बताती हैं, "पहले फ़ोन नहीं चलाना जानते थे लगता था पता नहीं कैसे चलता होगा, लेकिन जब गूगल की इंटरनेट सखी बनी तो पहला मौका मिला स्मार्ट फ़ोन चलाने का, लगा कि बहुत आसान काम आज मैं उसी फ़ोन से महिलाओं को जागरूक करती हूं और दूसरों को भी इसकी अच्छाई के बारे में बताती हूं।"

ये भी पढ़ें : और जब गाँव की महिलाएं रिपोर्टिंग करने निकल पड़ीं, देखिये तस्वीरें

ये इंटरनेट साथी अपने इलाके की 20 लाख महिलाओं को जागरुक भी कर चुकी हैं। गूगल इंडिया और ट्राटा ट्रस्ट ने जुलाई 2015 में इसे पायलट प्रोजेक्ट में फिर अप्रैल 2016 में देशभर के सैकड़ों जिलों में एक साथ लागू किया।

राजस्थान के अलवर की एक इंटरनेट साथी, सविता राजस्थान की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में अपने गाँव की महिलाओं को जानने में मदद करती हुई। फोटो- साभार टाटा ट्रस्ट

प्रीति यूनिसेफ द्वारा चलाए जा रहे स्मार्ट बेटियां प्रोग्राम का भी हिस्सा हैं। वो बदलाव कहानियां ढूंढती हैं और फिर उसी का वीडियो बनाती हैं, ताकि लोग भी उनसे कुछ सीखें। लेकिन इसमें भी उन्हें बहुत परेशानी होती है। वो कहती हैं, "हमें कई बार पता होता है कि किसी ने बाल विवाह रोका है, लेकिन वो लोग कैमेरा के सामने बोलने से डरते हैं उन्हें कई बार समझाना पड़ता है, कई बार तो महिलाएं रोने तक लगती हैं।"

ये भी पढ़ें : मिलिए उस महिला से जिनकी बिल क्लिंटन से लेकर पीएम मोदी तक कर चुके हैं तारीफ

शुरू में जब प्रीति बाहर निकली तो घर वालों का तो साथ मिला लेकिन गाँव वाले विरोध करते कि लड़की होकर घूमती रहती है। वो बताती हैं, "मेरी मम्मी टीचर हैं तो उन्होंने हमेशा से मेरा साथ दिया, लेकिन अगल बगल वाले कहते कि इनकी बिटिया कहाँ जाती है,बड़ी छूट दे रखी है। अब कई साल बाद वही लोग मुझसे मिलने आते हैं और घर वालों से कहते हैं कि आपकी बिटिया बहुत अच्छा काम कर रही है।"

ये भी पढ़ें : पंद्रह साल में हो रही थी शादी, अब दूसरों का बाल विवाह रोकने में कर रहीं मदद

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.