इसलिए ये बीमारियां महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा होती हैं ज्यादा

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इसलिए ये बीमारियां महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा होती हैं ज्यादाक्यों महिलाएं होती हैं ज्यादा बीमार।

लखनऊ। बीमारियां हर किसी को होती हैं भले हम कितनी भी सावधानी बरतें, कभी मौसम के बदलने पर ती कभी जीवनशैली में हुए बदलावों के कारण हम बीमार हो जाते हैं। कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं जो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा तेजी से होती हैं।

हाल ही में ऑन लाइन फार्मेसी स्टोर 'केयर ऑन गो' ने एक सर्वे किया जिसमें 6 महीने तक देश के कई महानगरों बैंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली एनसीआर में ऑन लाइन दवाओं के आर्डर का रिकार्ड रखा गया। सर्वे में उन लोगों का भी रिकार्ड रखा गया जो कुछ खास बीमारियों से संबंधित दवाओं का लगातार आर्डर कर रहे हैं। इसी के आधार पर कुछ नतीजे सामने आए हैं।

सर्वे के नतीजे

  • महानगरों में रहने वाली 18 से 35 साल की महिलाएं हाइपरटेंशन, आर्थराइटिस, कमर दर्द, मोटापे, डायबिटीज और थायराइड जैसी बीमारियों से जूझ रही हैं।
  • 40 फीसदी दवाएं जीवनशैली से संबंधित बीमारियों के लिए आर्डर की जा रही हैं।
  • पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में जीवनशैली से जुडी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
  • सबसे ज्यादा ऑर्डर हाइपरटेंशन और आर्थराइटिस की दवाओं के लिए किया गया। इन दोनों बीमारियों से महिलाएं और पुरुष दोनों पीड़ित हैं, कुल दवाओं को 12.24 % ऑर्डर
  • हाइपरटेंशन की दवाओं के लिए हुआ और जबकि अर्थराइटिस के लिए 8.54% दवाओं का आर्डर किया गया।

क्यों महिलाएं ज्यादा होती हैं बीमार

इस बारे में लखनऊ की स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ पुष्पा जायसवाल बताती हैं, "महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बीमार होती हैं इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे अबर हम बात करें अर्थराइटिस की ये महिलाओं में ज्यादा होता है तो इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला विडामिन डी की कमी व दूसरा कैल्शियमकी कमी। अभी भी हमारे देश में घरेलू महिलाएं ज्यादा हैं, वो ज्यादातर घर में रहतीं हैं इसलिए उनको सूर्य की रोशनी नहीं मिल पाती।" दूसरा महिलाओं में अमूमन 40 वर्ष के बाद कैल्शियम की कमी हो जाती है। पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की मांसपेशिया और हड्डिया ज्यादा मजबूत नहीं होती। ऊपर से बच्चे के जन्म के बाद उनकी हड्डिया और भी ज्यादा कमजोर हो जाती है। इसके अलावा ज्यादातर देखा गया है कि महिलाएं डेसरी प्रोडेक्ट का इस्तेमाल भी कम करती हैं वो घर के सभी सदस्यों की तो देखभाल करती हैं लेकिन खुद को स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देती हैं।

ये बीमारियां महिलाओं को होती हैं ज्यादा

यूटीआई

यूटीआई यानी युरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन महिलाओं में होने वाली आम बीमारी होती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यह बीमारी ज्यादा होती है, क्योंकि महिलाओं के शरीर का भीतरी ढांचा ऐसा होता है कि उसमें यह संक्रमण तेजी से फैल जाता है। यूटीआई तब होता है, जब बैक्टीरिया या फंगस हमारे पाचन तंत्र से निकल कर या फिर किसी अन्य माध्यम से पेशाब मार्ग की दीवारों पर चिपक जाते हैं और तेजी से बढ़ते चले जाते हैं। अगर संक्रमण को लंबे समय तक अनदेखा किया जाए तो ये बैक्टीरिया ब्लैडर और किडनी तक पहुंच जाते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचा देते हैं। युरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन इतनी आम बीमारी है कि अमूमन हर महिला को अपनी जिंदगी में कभी-न-कभी इसका इलाज करवाना पड़ता है।

एनीमिया

एनीमिया ऐसी बीमारी हैं जिसमें हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 56 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। इसका एक मुख्य कारण महिलाओं व किशोरियों में मासिक धर्म का होना। पुरुषों की तुलना में महिलाएं एनीमिया की अधिक शिकार होती हैं। डाइटिंग कर रही लड़कियां भी इसका शिकार हो जाती हैं। पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने से, गर्भाशय में ट्यूमर होने पर भी एनीमिया की आशंका बढ़ जाती है। दूध पिलाने वाली महिलाओं में भी एनीमिया होने का खतरा रहता है।

एनीमिया की शिकार महिलाएं ज्यादा।

थाॅयराइड

महिलाओं को प्रेगनेंसी के बाद ज्यादा असर डालती है। बच्चा पैदा होने के बाद 10 में से 1-2 महिलाओं को ये समस्या हो जाती है। आमतौर पर ये समस्या एक-दो महीने तक बनी रहती है और उसके बाद कुछ महीनो तक हाइपोथाइरिडज्म की समस्या पैदा हो जाती है। इंडियन थायराइड सोसाइटी के अनुसार भारत में 4़2 करोड़ महिलाएं थायराइड से पीड़ित हैं। इसके अलावा गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते है। गर्भावस्था में स्त्रियों का तनाव में होना भी स्वाभाविक हो जाता है और यही उनमे थायराइड की समस्या को उत्पन्न करता है।

अर्थराइटिस

महिलाओं में अर्थराइटिस का एक बड़ा कारण कैल्शियम की कमी होना है। महिलाओं में रजोनवृत्ति के बाद कई हार्मोन असंतुलन होते हैं जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसके अलावा हाई हील्स भी महिलाओं की हड्डियों के आकार में परिवर्तन करते हैं देखा गया है कि जो महिलाएं नियमित हाईहील्स पहनती हैं, उनके कमर व घुटनों में दर्द रहता है। मोटापा भी इसका एक कारण हो सकता है।

अर्थराइटिस महिलाओं में ज्यादा।

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