सोशल मीडिया में बार-बार फ्रेंड रिक्वेस्ट और मैसेज भेजना भी साइबर क्राइम, हो सकती है ये सज़ा

Shrinkhala PandeyShrinkhala Pandey   17 Feb 2018 1:09 PM GMT

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सोशल मीडिया में बार-बार फ्रेंड रिक्वेस्ट और मैसेज भेजना भी साइबर क्राइम, हो सकती है ये सज़ासाइबर क्राइम की ज्यादा शिकार महिलाएं।

20 साल की अन्नू बाजपई ने कुछ महीनों पहले अपना फेसबुक एकाउंट बन्द कर दिया क्योंकि उनके कॉलेज का एक लड़का लगातार उन्हें अलग अलग आईडी से अश्लील मेसैज और कमेंट के जरिये परेशान कर रहा था।

शाहजहांपुर से लगभग 15 किमी दूर उत्तर दिशा में जमनी गाँव की रहने वाली अन्नू बताती हैं, “मैं बहुत परेशान हो गई थी इसलिए बन्द कर दिया एकाउंट रोज किसी ने किसी अलग अलग आईडी से उल्टे सीधे मेसैज आते थे, घर पर बताया तो सबने डांट दिया कि जरूरी है ये सब चलाना इसीलिए पढ़ाई कराई जा रही है। कॉलेज भी न बंद हो जाए इसलिए मैनें चुपचाप फेसबुक बंद कर दिया।”

अन्नू जैसे कई लड़कियां हैं, जो ऐसे साइबर अपराधों का शिकार होती हैं लेकिन बदनामी और घरवालों के डर से इसके खिलाफ कोई कदम उठाने के बजाय चुपचाप बैठ जाती हैं।

हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सोशल मीडिया पर महिलाओं के साथ होने वाली ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ‘एंटी ट्रॉलिंग’ की शुरूआत की, जो कि महिलाओं के ऑनलाइन प्रताड़ना के मामलों पर निगरानी रखेगी। इसके तहत एक सेल केवल ऐसी महिलाओं द्वारा आई ऑनलाइन शिकायतों पर कार्रवाई करेगी।

न्यूयार्क में कराए गए ‘कॉम्बैटिंग ऑनलाइन वायलेंस अगेंस्ट वुमन एंड गर्ल्स : अ वर्ल्ड वाइड वेक–अप’ नाम के सर्वे में लगभग 86 देशों का अध्ययन किया गया जिससे सामने आया कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाली लगभग तीन चौथाई महिलाएं किसी न किसी किस्म की साइबर हिंसा का शिकार होती हैं। सर्वे में ये बात भी सामने आई कि भारत में साइबर अपराध के मामलों में शिकायत करने में महिलाओं की संख्या काफी कम है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में केवल 35 फीसदी महिलाओं ने साइबर अपराध की शिकायत की, जबकि 46.7 फीसदी पीड़ित महिलाओं ने शिकायत ही नहीं की। वहीं 18.3 फीसदी महिलाओं को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी।

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फेसबुक पर कई बार मिलती हैं धमिकयां।

कई बार आधी अधूरी जानकारी भी इस तरह के मामलों के होने का कारण बनती हैं। गोण्डा जिले की रहने वाली 19 वषीर्य रमी (बदला हुआ नाम) बताती है, “मेरा फेसबुक पर एकाउंट बना है लेकिन मैं उसमें अपनी फोटो नहीं लगाती क्योंकि मुझे डर रहता है कि कोई सेव करके कुछ उल्टा सीधा न कर दे।” वो आगे बताती है, “एक बार मैनें शुरूआत में बिना जानें एक दो लोगों को ऐड कर लिया था उन लोगों ने मुझे बहुत परेशान किया। मैसेज और वॉल पर जाकर गंदे मैसेज लिखते थे। मेरी फोटो सेव करके मुझे ही भेजकर उसपर गंदी गंदी गालियां लिखते थे। तबसे मैं बिना जानें किसी को नहीं ऐड करती।”

ऐसे मामलों में शिकायत की प्रक्रिया को आसान बनाने की लगातार कोशिश की जा रही है जिससे लोग ऐसी घटनाओं को छिपाने के बजाय सामने लाएं। लखनऊ के एसपी क्राइम दीपक कुमार बताते हैं, “अगर किसी महिला या लड़की को कोई फेसबुक, ईमेल, टि्वटर के जरिए बार बार परेशान कर रहा हो तो महिला अपने पास के थाने में जाकर इसकी शिकायत कर सकती है।” दीपक कुमार आगे बताते हैं, “अब लगभग हर थाने में साइबर सेल भी है जहां सिर्फ साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतें सुनी जाती हैं।”

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राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार, देश में वर्ष 2011 में कुल 13,301, वर्ष 2012 में 22,060, वर्ष 2013 में 71,780 साइबर अपराध दर्ज किए गए। वर्ष 2015 में साइबर क्राइम की करीब डेढ़ लाख घटनाएं सामने आईं। ऐसी घटनाओं में ज्यादातर अपराधी युवा थे, जिनकी आयु 18 से 30 साल के बीच थी।

हजरतगंज महिला थाने में बने साइबर क्राइम सेल के प्रभारी राजीव कुमार बताते हैं, “हमारे यहां ऐसे केस आते हैं लेकिन लड़कियों के ऐसे मामले कम आते हैं जबकि हम सबको पता है कि इसकी ज्यादा शिकार वही हैं। कई बार उन्हें ये डर भी होता है कि कहीं उनकी बदनामी न हो जाए क्योंकि आवेदन देने लड़की को स्वयं आना होता है हम तभी कार्रवाई शुरू करते हैं।” राजीव कुमार आगे बताते हैं, “ऐसी छोटी घटनाओं पर जब कोई प्रतिक्रिया नहीं होती तो ये आगे चलकर बड़ी वारदातों में बदल जाती हैं इसलिए उन्हें दबाने के बजाय तुरंत उनकी शिकायत करें।”

अगर महिला अपनी पहचान गोपनीय रखकर कार्रवाई चाहती है तो इसके लिए वीमेन पावरलाइन 1090 पर भी शिकायत दर्ज करा सकती है। 1090 के एडिशनल एसपी अजय मिश्रा बताते हैं, “1090 पर ऐसी शिकायतें लगातार आती रहती हैं। हम कोशिश करते हैं कि लड़की की गोपनीयता बनी रहे, चिह्नित व्यक्तियों को पहली बार समझाया जाता है अगर उसके बाद भी वो न मानें तो उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाती है।”

क्या होते हैं महिलाओं से जुड़े साइबर अपराध

साइबर स्टाकिंग -- किसी को बार-बार टेक्स्ट मैसेज भेजना, फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना, स्टेटस अपडेट पर नजर रखना और इंटरनेट मॉनिटरिंग इस अपराध की श्रेणी में आते हैं। आईपीसी की धारा 354 डी के तहत यह दंडनीय अपराध है।

साइबर स्पाइंग-- आईटी एक्ट की धारा 66 ई के अंतर्गत यह दंडनीय अपराध है, इसमें चेजिंग रूम, लेडीज वॉशरूम, होटल के कमरे और बाथरूम जैसी जगहों पर रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाए जाते हैं।

साइबर पॉर्नोग्राफी-- इसके तहत महिलाओं के अश्लील फोटो या वीडियो हासिल कर उन्हें ऑनलाइन पोस्ट कर दिया जाता है। अधिकांश मामलों में अपराधी फोटो के साथ छेड़छाड़ करते हैं और बदनाम करने, परेशान और ब्लैकमेल करने के लिए उनका इस्तेमाल करता है। इस तरह के अपराधों में आईटी एक्ट की धारा 67 और 67ए के अंतर्गत आते हैं।

साइबर बुलिंग-- इसमें साइबर अपराधी पहले महिलाओं या लड़कियों से दोस्ती बनाते हैं और फिर उन्हें विश्वास में लेकरनजदीकियां बढ़ाने के बाद महिला या लड़की के निजी फोटो हासिल कर लेते हैं। इसके बाद पीड़िता से मनचाहे काम करवाने के लिए ब्लैकमेल करते हैं।

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कैसे लगाएं अपने फेसबुक पर प्राइवेसी

किसी को भी अपनी पोस्ट देखने से कैसे रोकें: सबसे पहले सेटिंग्स के ऑप्शन पर क्लिक करें फिर प्राइवेसी सेटिंग्स एंड टूल्स पर क्लिक करें इसके बाद वहां 'हू केन सी माय स्टफ' मतलब आपके पोस्ट कौन कौन देख सकता है पर जाने के बाद एडिट ऑप्शन पर क्लिक करके 2 ऑप्शन 'ऑन्ली मी, फ्रेंड्स या कस्टम में से कोई एक ऑप्शन चुन सकते हैं।

अंजान लोगों की रिक्वेस्ट रोकें: फेसबुक अन्य सुविधाओं के साथ ही सुरक्षा की सुविधा भी देता है। अगर आपको कोई अनजान व्यक्ति फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है या परेशान करता है तो आप सेटिंग्स ऑप्शन पर क्लिक करें इसके बाद प्राइवेसी शॉर्टकट में 'हाऊ डू आई स्टॉप' समवन फ्रॉम बॉदरिंग मी" फिर नीचे दिए गए बॉक्स में जाकर परेशान करने वाले व्यक्ति का नाम या ई-मेल आईडी लिख दें और फिर मोर सेटिंग्स के ऑप्शन पर क्लिक करेंगे। इसके बाद "हु केन कॉन्टेक्ट मी" ऑप्शन पर जाकर एडिट करके हम अपनी फ्रेंड लिस्ट केवल अपने दोस्तों या फिर दोस्तों के दोस्तों तक सीमित कर सकते हैं।


अपनी टाइमलाइन से लिंक होने से भी रोक सकते हैं : आप दूसरी सर्च इंजन को अपनी टाइमलाइन से लिंक होने से भी रोक सकते हैं। सेटिंग्स ऑप्शन पर जाकर "हू केन लुक मी अप" पर क्लिक करें। इसके बाद इस सवाल का जवाब "डू यू वॉन्ट अदर सर्च इंजन टू लिंक टू योर टाइमलाइन" "नो" पर क्लिक करें।


फोटो प्राइवेसी गार्ड लगाएं--हाल ही में फेसबुक ने नई ट्रिक निकाली है इसमें आपकी फोटो कोई भी सेव नहीं कर सकता। इसके लिए प्रोफाइल फोटो पर एक निशान बनकर आता है उसपर क्लिक करके आप अपनी फोटो पर ये गार्ड लगा सकते हैं।

प्रोफाइल पर प्राइवेसी गार्ड लगाएं।

        

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