नौवीं-ग्यारहवीं के छात्रों को नहीं देना होगा पीएस टेस्ट

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नौवीं-ग्यारहवीं के छात्रों को नहीं देना होगा पीएस टेस्ट

इलाहाबाद। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नौवीं एवं 11वीं के छात्रों के लिए होने वाली प्रॉब्लम साल्विंग असेसमेंट (पीएसए) परीक्षा को समाप्त कर दिया है। सीबीएसई पीएसए टेस्ट छात्रों में एप्लीकेशन बेस्ड प्रॉब्लम को हल करने की योग्यता बढ़ाने के लिए किया था।

सीबीएसई ने पीएसए टेस्ट को 2012 में लागू किया, पहली बार नौवीं एवं ग्यारहवीं के छात्रों की योग्यता की परख के लिए परीक्षा का आयोजन जनवरी 2013 कराया गया। सीबीएसई की ओर से कराई जाने वाली यह परीक्षा छात्र-छात्राओं के लिए परेशानी बन गई थी, इसके हटाए जाने पर शिक्षकों एवं छात्रों ने स्वागत किया है।

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक केके चौधरी की ओर से सभी स्कूलों को ईमेल करके पीएसए टेस्ट समाप्त करने की सूचना भेज दी गई है। बोर्ड की ओर से नौवीं एवं ग्यारहवीं के छात्रों के लिए इस टेस्ट का उद्देश्य उन्हें बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करना था। पीएसए के बाद सीबीएसई की ओर से नौवीं एवं ग्यारहवीं के छात्रों को प्रमाण पत्र जारी किया जाता था। यह परीक्षा सभी छात्र-छात्राओं के लिए अनिवार्य थी, अब इसे खत्म कर दिया गया है।

स्थानीय गंगा गुरुकुलम की प्रधानाचार्य अल्पना डे ने बताया, ''बोर्ड की ओर से पीएसए हटाने के बाद अब स्कूल स्तर पर उसकी जगह एफए-4 कराया जाएगा। इसी अंक को दसवीं की परीक्षा के समय पीएसए की जगह रखा जाएगा। पहले बोर्ड की ओर से दसवीं के परीक्षार्थी को पीएसए के अंकों में सुधार के लिए परीक्षा में शामिल होने की अनुमति थी, इसके बारे में नए आदेश में कोई उल्लेख नहीं है। बोर्ड की ओर से पीएसए हटाए जाने के बाद शिक्षकों एवं छात्रों ने सीसीई हटाने की मांग की है।"

 

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