नदियों के कहर से लोग गाँव छोड़ने को मजबूर
गाँव कनेक्शन 28 July 2016 5:30 AM GMT
लखनऊ (भाषा)। प्रदेश में मानसून की गतिविधियां सामान्य हैं और पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में अनेक स्थानों पर बारिश हुई। इस वर्षा और नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती और रोहिन समेत अनेक नदियां अपने तटवर्ती क्षेत्रों में कहर ढा रही हैं, जिसके चलते कई गाँव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। लोगों को गाँवों से निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा रहा है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण-पश्चिमी मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के विभिन्न स्थानों पर वर्षा हुई। इस अवधि में चंद्रदीपघाट (गोण्डा) और महराजगंज में नौ-नौ सेंटीमीटर, आगरा में सात सेंटीमीटर, जमानिया (गाजीपुर), चिल्लाघाट (बांदा) और सहारनपुर में पांच-पांच सेंटीमीटर और प्रतापगढ़ तथा अमेठी में चार-चार सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गयी। अगले 24 घंटे के दौरान भी राज्य में कई स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है। कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है। राज्य के पूर्वी हिस्सों में मानसून का यह जोर अगले 48 घंटे तक जारी रहने की सम्भावना है। जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा और नेपाल में हो रही भारी बारिश की वजह से प्रदेश में नदियां जगह-जगह उफान पर हैं।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक राप्ती नदी भिनगा (श्रावस्ती) और बलरामपुर में कहर ढा रही है और दोनों ही स्थानों पर वह खतरे के निशान से सवा मीटर से भी ऊपर बह रही हैं। घाघरा नदी का जलस्तर एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में लाल निशान से ऊपर बना हुआ है।
शारदा नदी पलियाकलां में, बूढ़ी राप्ती ककरही और उस्काबाजार (सिद्धार्थनगर) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा रोहिन नदी का जलस्तर त्रिमोहानीघाट (महराजगंज) में लाल निशान से ऊपर पहुंच गया है। गंगा नदी का जलस्तर फतेहगढ़, गुमटिया (कन्नौज), अंकिनघाट (कानपुर देहात) और कानपुर में खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है। रामगंगा नदी मुरादाबाद और डाबरी (शाहजहांपुर) में, राप्ती नदी काकरधारी (बहराइच), बांसी (सिद्धार्थनगर), रिगौली (गोरखपुर) और बर्डघाट (गोरखपुर) में लाल निशान के करीब बह रही है। शारदा नदी का जलस्तर शारदानगर (खीरी) में जबकि क्वानो नदी का जलस्तर चंद्रदीपघाट (गोण्डा) में खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है। नदियों की इस बाढ़ से अनेक गाँवों में हजारों की आबादी प्रभावित है और सैकड़ों हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गयी है।
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