किसान को हर फसल का मिले न्यूनतम समर्थन मूल्य, संसद बनाए कानून- वीएम सिंह
"क्या 200 ग्राम की डबलरोटी में सिर्फ 200 ग्राम आटे की कीमत होती है ? नहीं ना, उसमें ब्रेड बनाने वाली कंपनी के सारे खर्चे और उसका मुनाफा तक जुड़ा होता है, फिर किसान को उसकी फसल का ऐसा ही दाम क्यों न दिया जाए? ' वीएम सिंह कहते हैं।
Arvind Shukla 28 Jun 2018 9:39 AM GMT
लखनऊ। "क्या 200 ग्राम की डबलरोटी में सिर्फ 200 ग्राम आटे की कीमत होती है ? नहीं ना, उसमें ब्रेड बनाने वाली कंपनी के सारे खर्चे और उसका मुनाफा तक जुड़ा होता है, फिर किसान को उसकी फसल का ऐसा ही दाम क्यों न दिया जाए? ' वीएम सिंह हैं।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए वो कहते हैं, "किसान अब अपना हक लेकर रहेगा, संसद को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाना चाहिए, ताकि तय रेट से कोई कारोबारी किसान की फसल खरीद न सके, और खरीदे तो उसे जेल हो।'
किसान नेता वीएम सिंह, किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक है। ये समिति मंदसौर कांड के बनी थी और फिलहाल इसमें देशभर के 194 किसान संगठन शामिल है। समिति पूरे देश में किसानों के संपूर्ण कर्ज़माफी और लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे मुद्दों की मांग को लेकर अभियान चला रही है।
मंदसौर कांड की बरसी में चिल्लौद पिपलिया गांव में गांव कनेक्शन के डिप्टी न्यूज एडिटर अरविंद शुक्ला ने वीएम सिंह से भारत में कृषि, किसानों की समस्याएं और आगे की किसान आंदोलनों की रणनीति को लेकर लंबी बात की। मौजूदा वीडिया उसका एक अंश है।
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वीएम सिंह कहते हैं, "हम लोगों ने पूरे देश में कई हजार किलोमीटर का सफर करने, 10-15 हजार लोगों से बात करने के बाद दो बिल तैयार किए हैं। उन्हें लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के पास गए, जिसमें टीडीपी और शिवसेना समेत कई राजनीतिक दलों ने उनका समर्थन किया है। हमारी मांग है कि किसानों के मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए।
वो आगे कहते हैं, "देश में इससे पहले भी किसानों के मुद्दे पर संसद का सत्र हो चुका है। 11 दिसंबर 2003 में जब मुंडेरवा में किसान गन्ना किसान शहीद हुए थे, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने संसद का सत्र बुलाया था। तो अब क्यों नहीं जब देश में साढ़े तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जब जीएसटी को लेकर रात में संसद चल सकती है तो किसानों के मुद्दे पर क्यों नहीं ?"
वीएम सिंह सभी सरकारों पर किसानों से किए वादों को लेकर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हैं, वो कहते हैं, "6 जून को मंदसौर में राहुल गांधी ने चुनाव जीतने पर मध्य प्रदेश के किसानों का कर्जा 10 दिन में माफ करने का वादा किया लेकिन पंजाब में कांग्रेस की सरकार और किसान कर्ज़माफी का इंतजार कर रहा, ये सब चुनावी हथकंडे हैं। लेकिन अब किसान जाग चुका है और अपना हक लेकर रहेगा।'
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