नहीं मिल रहा हल्दी का सही दाम, खेती से मुंह मोड़ रहे किसान

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नहीं मिल रहा हल्दी का सही दाम, खेती से मुंह मोड़ रहे किसानगाँव कनेक्शन, turmeric

बहराइच। जिले से 90 किमी पश्चिम मिहिपुरवा ब्लॉक हल्दी का क्षेत्र माना जाता है यहाँ करीकोट, चहल्वा सुजौली, बर्खारिया, फकीरपुरी, वर्दिया और उर्रा समेत 10 से 12 गाँवों में हल्दी का उत्पादन भारी मात्रा में होता है, जिसका मुख्य कारण कम क्षेत्रफल में ज्यादा पैदावार का होना है, लेकिन उचित विपणन एवं प्रोसेसिंग यूनिट और उचित दाम न मिलने के कारण किसान इस फसल से मुंह मोडऩे लगे हैं।

भवानीपुर निवासी 40 वर्षीय हल्दी किसान दुलारे का कहना है, ''इस क्षेत्र में हजारो टन हल्दी होती है, लेकिन किसान को उचित मूल्य ना मिलने से धीरे-धीरे इसका क्षेत्रफल कम होता जा रहा है।" वहीं इसी गाँव के एक और हल्दी किसान प्यारेलाल कहते हैं, ''इस बार लगभग डेढ़ बीघे में 29 कुंतल हल्दी हुई है, हल्दी की खेती करने में लागत अधिक आती है पर बिचौलियो के कारण मुनाफा नहीं हो पाता, अगर विपणन की व्यवस्था हो जाये तो एक एकड़ में 65 से 75 हज़ार रुपए की आमदनी हो सकती है।" प्यारेलाल आगे बताते हैं, '' इस क्षेत्र में हल्दी की तीन किस्में पायी जाती हैं जिसमे सुगंधा, एयूरोट एवं पहाढ़ी किस्में उगाई जाती हैं यहाँ पर मसाले के क्षेत्र में अपार संभावनाए है पर सरकार को हम किसानों पर ध्यान देने की जरूरत है।"

क्षेत्र मे प्रोसेसिंग यूनिट होने के बाद भी बंद पड़ी है, जिसमें लोग जानवरो को चराने के साथ, भूसा एवं कंडा रखकर अतिक्रमण किये हुए हैं। इस सम्बन्ध में जब कृषि उपनिदेशक एके सागर से बात की गयी तो उन्होंने बताया, ''किसानों की ये समस्या वाकई बहुत गंभीर है, लेकिन हमारा कार्य उत्पादन से सम्बंधित है इसके लिए एग्रीकल्चर मार्केटिंग डिपार्टमेंट जिम्मेदार है उन्हें इस ओर ध्यान देना चाहिए।"

रिपोर्टिंग - कृष्ण कुमार पाठक 

 

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