नीलगायों के आतंक से किसान छोड़ रहे खेती

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नीलगायों के आतंक से किसान छोड़ रहे खेतीgaonconnection

गंगागंज (रायबरेली)। नीलगायों के आतंक से परेशान रायबरेली जिले के गंगागंज इलाके में किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं। उन की मेहनत और पूंजी को एक झटके में नीलगायें चर जाती हैं।

टांडा गाँव के निवासी कमलेश कुमार बताते है, ‘’गाँव के किसान नीलगायों के झुंड से बहुत परेशान हो चुके हैं। इनके खौफ की वजह से पिछले वर्ष गाँव के करीब 10 खेत खाली ही रह गए थे।’’ नील गाय का खतरा सिर्फ टांडा क्षेत्र में ही नहीं बल्कि आसपास के (शोरा, मुबारकपुर व गंगागंज) कई क्षेत्रों में भी है। अपने खेतों को बचाने के लिए यहां के किसानों ने खेतों के चारों ओर बांस व लोहे के तारों से घेराव करना शुरू कर दिया, लेकिन नीलगाय उन्हें भी तोड़कर खेतों को तबाह कर देती हैं।

शोरा गाँव के किसान जितेंद्र सिंह ( 49 वर्ष) ने कुछ दिनों पहले ही चार बीघे में अरहर की फसल बोई है। किसान जितेंद्र कहते हैं, ‘’हमने अरहर की खेती के लिए कर्ज लेकर बीज, खाद से लेकर सिंचाई तक का इंतज़ाम किया था। अभी फसल की शुरुआती हालत में ही नीलगायों के झुंड ने काफी नुकसान पहुंचाया है।’’मटर की खेती कर रहे गंगागंज के किसान रामनाथ विश्वकर्मा (52 वर्ष) बताते हैं, ‘’नीलगायों के झुंड को देखकर हम पटाखे फोड़ते हैं। कई किसान थाली पीटते हैं, जिसकी आवाज़ से डर कर नीलगाय भाग जाती हैं, लेकिन कुछ दिनों बाद झुंड वापस आ जाता है और फसल नष्ट कर देता है।’’

स्वयं वालेंटियर: यशी सिंह

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

स्कूल: बाल विद्या मंदिर इंटर काॅलेज, गंगागंज, रायबरेली

 

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