नमीयुक्त धान पहुंचा रहा किसानों को नुकसान

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नमीयुक्त धान पहुंचा रहा किसानों को नुकसान

रोज़ा (शाहजहांपुर)। धान की फसल उगाना किसान हरिशंकर सिंह को काफी भारी पड़ गया। खेत में हुए साठ कुंतल धान में 21 प्रतिशत नमी होने के कारण उन्हें इसे सरकारी केंद्र की बजाए आढ़तियों को कम दाम में बेचना पड़ा, जिससे उनको काफी नुकसान हुआ।

शाहजहांपुर जि़ला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में रोज़ा मंडी है। यहां हज़ारों की संख्या में किसान अपना धान बेचने आते हैं। पुवायां तहसील से आए हरिशंकर (30 वर्ष) बताते हैं, ''पहले सरकारी केंद्र पर धान ले गए थे पर धान में नमी होने के कारण केंद्र पर नहीं लिया गया, इसलिए 900 रुपए प्रति क्विंटल पर आढ़तियों को बेचना पड़ा जिससे हमें तीस हज़ार रुपए का नुकसान हुआ।"

मंडी में सरकार द्वारा धान का निर्धारित मूल्य 1410 रुपये प्रति क्विंटल है और वहीं आढ़ती धान को नौ सौ रुपये से लेकर 1100 रुपए प्रति क्विंटल तक खरीद रहे हैं। इससे हरिशंकर को ही नहीं बल्कि क्षेत्र के काफी किसानों को नुकसान हो रहा है।

मंडी निरीक्षक सोमपाल सिंह बताते हैं, ''रोज़ा मंडी में चार क्रय केंद्र बनाए गए हैं। पिछले दो सप्ताह में यहां पर दो लाख चार हजार 88 कुंतल धान आ चुका है। लेकिन सरकार द्वारा निर्धारित 17 प्रतिशत से ज्यादा का नमीयुक्त धान आ रहा है। इस कारण सरकारी खरीद न के बराबर हो रही है। पिछले दो सप्ताह में यहां के केंद्रों पर दो सौ क्विंटल ही धान खरीदा जा सका है।"

धान में नमी आने का कारण बताते हुए एरिया मार्केटिंग अधिकारी केके वर्मा बताते हैं, ''अगली फसल जल्दी बोने के कारण किसान कंबाइन मशीन धान जल्दी काट लेते हैं जिससे धान में नमी रह जाती है। सरकारी केन्द्रों में 17 प्रतिशत से ज्यादा नमी होती है तो नहीं लेते हैं क्योंकि हमारे पास धान सुखाने की व्यवस्था नहीं है। राइस मिलरों के पास धान सुखाने की मशीन होती है जिससे वह किसानों से नमीयुक्त धान ले लेते हैं।" अपनी बात को जारी रखते हुए वर्मा बताते हैं, ''अभी तक 21 किसानों का ही धान लिया गया है। बहुत कम ही ऐसे किसान हैं जो केंद्र के मानकों को पूरा करते हैं। जब हम धान को चेक करके मना करते हैं तब वह आढ़तियों में धान को औने-पौने दाम में बेच देते है।"

 

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