नत्थू की मौत पर सरकारी लीपापोती क्यों?
गाँव कनेक्शन 5 May 2016 5:30 AM GMT

लखनऊ। बुंदेलखण्ड के बांदा जि़ले में मंगलवार को नत्थू की आकस्मिक मौत की बात खबरों में आने के बाद सीएम अखिलेश यादव ने नत्थू के परिवार के लिए पांच लाख रुपए देने की घोषणा की है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार बांदा के ऐला गाँव में नत्थू (41 वर्ष) नामक दलित व्यक्ति मंगलवार को सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बांटे जा रहे राशन को लेने के लिए जा रहा था, रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी।
नत्थूू की पत्नी मुन्नी देवी के मुताबिक उसका परिवार पिछले चार दिनों से भूखा था और पति सरकारी मदद का इंतजार कर रहा था। नत्थू की मौत भूख की वजह से हुई है।
इसे संज्ञान में लेते हुए मुख्य सचिव आलोक रंजन ने डीएम से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
बांदा के डीएम योगेश कुमार ने नत्थू की मौत भूख से होने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट के मुताबिक मौत गर्मी के कारण या दिल का दौरा पड़ने से हुई है। डीएम ने कहा कि चूंकि परिजनों ने नत्थू के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है, इसलिये उसकी मौत के कारण के बारे में दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता है। हालांकि पड़ताल जारी है।
हालांकि नाथू की पत्नी का आरोप है कि लेखपाल ने नाथू के शव का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने का दबाव डाला ताकि उन्हें कोई मुआवजा न मिल सके।
साथ ही बुधवार को एक अधिकारी कुछ कागजात पर उसके अंगूठे का निशान लगवाने आया और कहा कि वह अपने घर में अनाज न होने की बात किसी को न बताए।
राहत कार्य की धीमी गति पर फटकार
लखनऊ। प्रदेश के सूखा प्रभावित 21 जिलों के अफसरों की सरकारी मदद पहुंचने में लापरवाही सामने आई है। क्षेत्र में सूखा राहत के लिए भेजी गई 867 करोड़ की धनराशि में मात्र 52 करोड़ रुपए ही खर्च हुए है। इस पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।
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