नवाबों का शहर लखनऊ बनेगा स्मार्ट सिटी
गाँव कनेक्शन 25 May 2016 5:30 AM GMT
नई दिल्ली/लखनऊ। बड़े मंगल के दिन लखनऊ वासियों को बड़ा तोहफा मिला। अदब का शहर अब स्मार्ट सिटी के लिए चुन लिया गया है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने दूसरे चरण में 13 शहरों की सूची जारी की, इसमें लखनऊ पहले नंबर पर है।
स्मार्ट सिटी के लिए चुने गए हर शहर को पहले साल 200 और उसके बाद चार साल के लिए हर साल 100 करोड़ रुपए मिलेंगे। केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट पर अगले पांच साल में 48 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी और इतनी ही रकम राज्य मिलकर खर्च करेंगे।
लखनऊ के महापौर डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा, “केंद्र, राज्य सरकार, नगर निगम के अफसरों और कर्मियों के सहयोग से चयन हुआ है। जल्द ही इस पर कार्य शुरू होगा। इसके चयन में सभी दलों के पार्षदों की भी अहम भूमिका रही। पार्षदों ने दलगत राजनीति से हट कर शहर के चयन में खास योगदान दिया।”
स्मार्ट सिटीज की ज़रूरत क्यों?
शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक, देश में अभी शहरी आबादी 31% है, लेकिन इसकी भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी 60% से ज्यादा है। अनुमानत: अगले 15 सालों में शहरी आबादी की जीडीपी में हिस्सेदारी 75% होगी। इस वजह से 100 स्मार्ट सिटीज़ बनाने का टारगेट है।दूसरी सूची में बिहार, यूपी और झारखंड के एक-एक शहर को रखा गया है। सभी शहरों का चयन फास्ट ट्रैक कंपटीशन के आधार पर किया गया है।
23 शहरों ने फास्ट ट्रैक स्मार्ट सिटी की दावेदारी पेश की थी जिसमें अभी 13 शहर (लखनऊ, वारंगल, चंडीगढ़ रायपुर, भागलपुर, इंफाल, पोर्ट ब्लेयर, पणजी, रांची, अगरतला, धर्मशाला, न्यू टाउन कोलकाता और फरीदाबाद) ही क्वालीफाई कर पाए। उच्च रैंकिंग वाले 23 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 23 शहरों ने ‘फास्ट ट्रैक कम्प्टीशन’ में हिस्सा लिया जिन्हें जनवरी में पहले दौर की प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया था। 28 जनवरी को घोषित ‘स्मार्ट सिटी चैलेंज कम्प्टीशन’ में 20 स्मार्ट सिटी मिशन शहरों की सूची में मात्र 12 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को प्रतिनिधित्व मिला था।
स्मार्ट सिटी में मिलने वाली सुविधाएं के बारे में जानने के लिए क्लिक करें
More Stories