पाक-चीन के एक साथ हमले का जवाब देने में हम नहीं सक्षम: भारतीय वायुसेना
गाँव कनेक्शन 10 March 2016 5:30 AM GMT
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को कहा कि उसकी ताकत कम हो रही है। पाकिस्तान और चीन से एक साथ युद्ध की स्थिति में, दोनों मोर्चे पर हवाई सैन्य अभियान को ‘पूरी तरह क्रिन्यान्वित करने’ के लिए उसके पास पर्याप्त संख्या में लड़ाकू विमान नहीं है।
उसने 36 राफेल विमानों के अतिरिक्त पांचवीं पीढ़ी के और युद्धक विमानों की मांग की है। वायुसेना की ओर से यह खुलासा उस वक्त किया गया है जब उसकी स्क्वाड्रन की क्षमता 33 हो गई, जबकि इसकी स्वीकृत क्षमता 42 विमानों की है।
इन 33 विमानों में बड़ा हिस्सा रूसी मूल के सुखोई-30 विमानों का है। सुखोई-30 फिलहाल देश की अग्रिम पंक्ति का विमान है। इस विमान की सेवा के समय उपलब्धता की स्थिति बहुत खराब है जो करीब 55 फीसदी है। इसका मतलब यह है कि 100 विमानों में से करीब 55 विमान एक समय पर सेवा में तैनात किए जा सकते हैं।
वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल बी एस धनोवा ने प्रेस कांफ्रेंस में उठे एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "हमारे पास संख्या इतनी उपयुक्त नहीं है कि दो मोर्चे वाली स्थिति में हवाई अभियान को क्रियान्वित किया जाए। स्क्वार्डन कम हो रहे हैं।"
धनोवा ने कहा, "हमने अपनी चिंता से सरकार को अवगत करा दिया है। सरकार इस समस्या से अवगत है और यही वजह है कि 36 राफेल विमानों की खरीद पर हस्ताक्षर किया गया है।"
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