पानी की बर्बादी पर कैसे लगेगी लगाम?
गाँव कनेक्शन 6 May 2016 5:30 AM GMT
लखनऊ। गर्मी बढ़ने से शहर में पानी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसका निराकरण करने के लिये नगर निगम के जलकल विभाग के पास ठोस योजना नहीं है। नब्बे के दशक में लगाये गये मीटर भी ठप हो जाने से मीटर व्यवस्था भी समाप्त कर दी गयी है।
इसके बाद से विभाग के पास ऐसी कोई तकनीकी व्यवस्था नहीं है जिससे उसे यह ज्ञात हो सके की पानी का एक कनेक्शनधारी एक दिन में कितना पानी उपयोग करता है। मीटर व्यवस्था न होने से बहुत से लोग सप्लाई के पानी का प्रयोग कार्माशियल कार्यों में भी बिना किसी डर के उपयोग कर रहे है, चाहे वो गाड़ी का सर्विस शोरूम हो दुकान का गोदान सभी जगह पानी की अन्धाधुध प्रयोग किया जा रहा है।
वर्तमान समय पानी का बिल मकान के क्षेत्रफल के अनुसार तय है। एक दो हजार वर्ग फुट में बने घर में चाहे एक व्यक्ति साल भर रहकर पानी का प्रयोग चाहे उस घर में बीस व्यक्ति रहकर पानी का प्रयोग करे, पानी का बिल मकान के क्षेत्रफल के अनुसार ही लिया जाता है, उस घर के सदस्य कितना पानी का उपयोग करते है इससे विभाग का कोई लेना देना नहीं है। पानी के उपयोग की सीमा न निर्धारित होने की वजह से पानी की बर्बादी लगातार हो रही है।
शहर में बहुत से वार्डों में पानी की बर्बादी को देखते हुये नगर निगम द्वारा 30 जून तक सप्लाई के पानी से सड़क पर पानी छिडकते पकड़े जाने पर जुर्माने का प्रावधान कर दिया है। जुर्माना लगाने से स्थिति में सुधार नहीं आने वाला है। जब तक विभाग तकनीकी रूप से हर घर में मीटर रीडिंग की व्यवस्था नही करता है तब तक पानी की बर्बादी ऐसे ही लगातार जारी रहने की संभावना है। शहर में 90 के दशक में पानी की समस्या को देखते हुये पानी के मीटर लगाये गये थे जिस पर 126 कर्मचारी पानी की मीटर रीडिंग के अनुसार बिल वसूलते थे।
वर्तमान समय में पानी की उपयोग को नापने वाला जलकल विभाग के पास कोई तकनीकी व्यवस्था नहीं है। एक घर में एक दिन में कितना पानी का उपयोग किया जाता है इसका लेखा जोखा विभाग के पास नहीं है। पानी के बिल का मानक एआरबी एनवल रेन्टल वैल्यू के अनुसार तय है।
मकान के रकबे के अनुसार तय होता है बिल
नगर निगम द्वारा इस समय पानी के बिल का मानक उसके क्षेत्रफल के अनुसार तय किया जाता है। यदि कोई मकान दो हजार वर्ग फुट में बना हुआ है और उसमे दो लोग रहकर पानी का प्रयोग करे या उस घर में बीस लोग पानी का प्रयोग करे सब का एक ही बिल निर्धारित है। इसकी वजह से पानी की बर्बादी पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है।
रिपोर्टर - अविनाश सिंह
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