पात्रों के निरस्त किए, अपात्रों के बना दिए अंत्योदय कार्ड

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पात्रों के निरस्त किए, अपात्रों के बना दिए अंत्योदय कार्डगाँव कनेक्शन

(ललितपुर)। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत ज़िले को शामिल किया गया, जिसके चलते जनवरी 2016 से गरीबजनों को सस्ता अनाज मिलने का अधिकार मिला है। ऐसे में तमाम परिवारों को फायदा पहुंचने वाला है। इसके बाद भी गाँवो के हजारों पात्र परिवारों के पास कार्ड नहीं है, उन्होंने कार्ड बनवाने के लिए आनलाइन आवेदन तो किया है, लेकिन ना तो उनका नाम सूची में है ना ही उनको कार्ड मिला है। दूसरी ओर अंत्योदय कार्ड धारकों का सूची से नाम हटाकर नये कार्ड अपात्रों को बना दिए गए हैं, जिससे गरीब लोग तहसील और ब्लॉक के चक्कर काट रहे हैं।

जब गाँव कनेक्शन संवाददाता ने पड़ताल की तो जमीनी हकीकत ओर कुछ बया कर रही थी, बुन्देलखण्ड के अति पिछड़े ललितपुर जिले से 44 किमी दूर महरौनी ब्लॉक के पूर्व-दक्षिण ग्राम पंचायत कुआंघोसी में हाथ मे फटा थैला और पैरो मे टूटी चप्पल पहने सुन्दर तनय धरमा बताते है, ''हमारा अंत्योदय कार्ड है जिस पर 15 किलो गेहूं और 20 किलो चावल मिलता था। घर में पाँच सदस्य हैं, इस सूखा के साल में दो वक्त का खाना बनाने मे सहारा मिल जाता है।'' वो अपना अंत्योदय कार्ड दिखाते हुए आगे बताते हैं, ''कार्ड संख्या 003663 है, हमें अभी पता चला कि हमारे अंत्योदय कार्ड की जगह नया कार्ड किसी और के नाम बन गया है। अब हम क्या करें, ऐसे मे हमारा गुजारा कैसे होगा। ऐसा गाँव के कई गरीब लोगों के साथ हुआ है।''

इस सम्बंध मे गाँव कनेक्शन संवाददाता ने 11 से 12 गाँवों मे संपर्क किया और योजना की हकीकत जानी, जिसमें अधिकतर उपभोक्ता योजना से अनजान हैं। कोटे की दुकानों पर सूची चस्पा नहीं है, तो कई ग्रामीणो ने कार्ड बनवाने के लिए आवेदन किये जो पात्रता की श्रेणी मे आते हैं उनका नाम नहीं है। कई कोटेदारों को सूची के हिसाब से कार्ड कम मिले हैं, लोगों को चयन की जानकारी नहीं है, लोग इधर-उधर भटक रहे हैं।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्र परिवारों को पांच किलो खाद्यान जिसमें 3.5 किलो गेहूं व 1.5 किलो चावल प्रति यूनिट मिलेगा, जिसमें दो रुपए किलो ग्राम गेहूं की दर व तीन रुपए किलो की दर से चावल वितरित किया जायेगा। बीपीएल व एपीएल के कार्ड धारक इस योजना के दायरे मे आयेगे।

ललितपुर जिले मे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत शहरी क्षेत्र मे 25392 कार्ड पर 106298 लाभार्थी व ग्रामीण क्षेत्रों के छह ब्लॉको मे 171216 कार्ड पर 677763 लाभार्थी इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होंगे, साथ ही साथ इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के 64.53 प्रतिशत व ग्रामीण क्षेत्र के 78.56 प्रतिशत गरीब परिवारों को लेने का प्रावधान है।

ललितपुर मुख्यालय से पूर्व दक्षिण 42 किलो मीटर दूर गुन्द्ररापुर गाँव के अशोक कुमार (27 वर्ष) बताते हैं, ''100 रुपया देकर ऑनलाइन आवेदन करवाया था, जिसकी एक कापी पंचायत मित्र के पास जमा कर दी थी। लिस्ट मे मेरा नाम नहीं आया। पंचायत मित्र से मैंने पूछा तो उसने कहा कि हमने पूरे गाँव के आवेदन फार्म पूर्ति कार्यालय पर जमा कर दिये थे ये उन्ही की जिम्मेदारी थी, हमारी नहीं। तब मैं कई बार पूर्ति दफ्तर गया, लेकिन कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है।''

महरौनी तहसील अंतर्गत एक कोटेदार ने नाम ना छापने की शर्त पर बताते हैं, ''हमारी दुकान पर 729 लाभार्थीयों की लिस्ट आयी थी, लिसट के हिसाब से 545 कार्ड ही प्राप्त हुए हैं। कार्डों के हिसाब से वितरण होगा। जिनके नाम लिस्ट में हैं अभी तक उनके कार्ड नहीं आए हैं, ऐसे मे उनको राशन नहीं दे पायेगे।'' वो आगे बताते है, ''कुल यूनिट के हिसाब से खाद्यान कम आया है।''

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत अनाज वितरण के लिए पर्यवेक्षणीय अधिकारी नामित किये गये, जो कोटे की दुकानों पर उपस्थित होकर प्राथमिकता से वितरण करायेगे। वितरण की सूचना व प्रचार-प्रसार के लिए ग्राम विकाश अधिकारी, लेखपाल को वितरण सुनिश्चित करायेगे व स्टाक अवशेष रहने पर कोटेदार को अनुरक्षित करने के लिए निर्देशित करेंगे।

जिला पूर्ति अधिकारी दल सिंह राम से दिनांक 06.01.2016 को समय 5.21 पर उनके मोबाइल नंबर 9919311580 पर फोन लगाकर इस बारे मे जानने की कोशिश की गयी तो उन्होंने मीटिंग मे व्यस्थ होने की बात कहकर फोन काट दिया।

रिपोर्टर - सुखबेन्द्र सिंह परिहार

 

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