पशु चौपाल: पशुओं को खिलाएं संतुलित चारा, बढ़ेगा दूध उत्पादन

Divendra SinghDivendra Singh   1 Dec 2018 8:02 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
पशु चौपाल: पशुओं को खिलाएं संतुलित चारा, बढ़ेगा दूध उत्पादन

अयोध्या। ''अगर पशुपालक पशुओं को संतुलित आहार देते हैं तो उससे पशुओं की दूध देने की क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही वो पूरी तरह से स्वस्थ भी रहते हैं। पशुओं को उनके वजन के और उम्र के हिसाब से आहार देना चाहिए।'' ऐसा बताते हैं, पशुचिकित्सक डॉ. सीपी वर्मा।

अयोध्या जिले के मवई ब्लॉक के मथुरा का पुरवा गाँव में पशु चौपाल हुई जहां पर सैंकड़ों पशुपालकों को पशुओं के सामान्य रख-रखाव, टीकाकरण, डीवर्मिंग जैसे कई ऐसी चीज़े जिससे उनकी आय को बढ़ाया जा सके।


पशु चौपाल में हेस्टर कंपनी के सीनियर एएसएम लाल जी द्विवेदी ने पशुपालकों को बताया, ''सर्दियों में पशुओं को थनैला रोग होने की ज्यादा संभावना होती है। अगर पशुपालक दूध दुहने के बाद पशु को कम से कम 30 मिनट न बैठने दे तो इस रोग से पशु को काफी हद बचाया जा सकता है।'' चौपाल में पशुपालकों को किलनी से बचाव, खुरपका-मुंहपका जैसी कई बीमारियों और उनके टीके के बारे में बताया गया।

ये भी पढ़ें : पशु चौपाल: समय पर कराएं टीकाकरण, तभी बढ़ेगा मुनाफा

पशुपालकों को जागरूक करने के लिए यह चौपाल उत्तर प्रदेश के दस जिलों में की जा रही है, ताकि उनको आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके। पशुपालकों को जानकारी देते हुए हेस्टर कंपनी के वेटनरी सेल्स एग्जीक्यूटिव सतेंद्र सिंह ने बताया, "हर तीन में पशुओं को पेट के कीड़े की दवा देनी चाहिए और हर तीन महीने में इन दवाओं को बदल भी देना चाहिए। इसके अलावा पशुओं को प्राथमिक उपचार के बारे में बताया गया।''

डॉ. सीपी वर्मा ने सर्दियों के मौसम में पशुपालक किन-किन बातों का रखें ध्यान चाहिए उसके बारे में भी बताया...

  • पशुओं को खुली जगह में न रखें, उन्हें किसी ढंके स्थान पर बांधे।
  • दरवाजें और खिड़कियों में टाट और बोरे के परदे लगा दें।
  • पशु बाड़े में गोबर और मूत्र निकास की उचित व्यवस्था करें ताकि जल जमाव न हो।
  • बाड़े को नमी और सीलन से बचाएं और ऐसी व्यवस्था करें कि सूर्य की रोशनी पशुशाला में देर तक रहे।
  • बासी पानी पशुओं को न पिलाएं।
  • बिछावन में पुआल का प्रयोग करें।
  • पशुओं को जूट के बोरे को ऐसे पहनाएं जिससे वे खिसके नहीं।
  • गर्मी के लिए पशुओं के पास अलाव जलाकर रखें।
  • गर्भित पशु का विशेष ध्यान रखें और प्रसव में जच्चा-बच्चा को ढंके हुए स्थान पर बिछावन रखकर ठंड से बचाव करें।
  • बिछावन को समय-समय पर बदलते रहें।
  • ठंड से प्रभावित पशु के शरीर में कंपकंपी, बुखार के लक्षण होते हैं तो तुंरत पास के पशु चिकित्सक को दिखाएं।

ये भी पढ़ें : पशु चौपाल: स्वस्थ होगा पशु तभी होगा अच्छा उत्पादन

ये भी पढ़ेंं : कमाल की मशीन पशुओं को पूरे वर्ष मिलेगा हरा चारा, यहां से ले सकते हैं प्रशिक्षण


      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.