लखनऊ में आयोजित पशु पालन और कृषि प्रदर्शनी में आयी हाईटेक मशीनें, देखें तस्वीरें
Diti Bajpai 8 Oct 2017 12:10 PM GMT

लखनऊ। किसानों को आधुनिक कृषि मशीनरी के बारे में जागरूक करने और कृषि व डेयरी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण तकनीकों से किसानों को अवगत कराने के लिए लखनऊ में कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी में सरकारी विभाग से लेकर कई कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनियों ने हिस्सा लिया है।
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लखनऊ के कॉल्विन तालुकेदार कॉलेज में प्रदेश सरकार,कीटूग्रीन संस्था और केंद्र सरकार की साझेदारी में कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। ये आयोजन सात अक्टूबर से आठ अक्टूबर तक चलेगा। कृषि प्रदर्शनी में किसानों के साथ साथ कई कॉलेजों के छात्र व छात्राओं ने कृषि उपकरणों की जानकारी ली। प्रदर्शनी में मिनी टैक्टर, डेयरी से संबंधित आधुनिक यंत्र और चारा उगाने वाली मशीन आकर्षण के केंद्र थे।
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मशीनों से जाने पशु बीमार है या नहीं
डेयरी क्षेत्रों में मशीनों का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। वेनसन टेक्नोलॅाजी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के मनोज वर्मा ने बताया, “डेयरी में प्रयोग होने वाले उपकरण जैसे मिल्किंग मशीन, गाय कब हीट में है उसको पता करने की मशीन, मिल्किंग पार्लर, मिल्क मीटर (गाय ने कितना दूध दिया और स्वास्थ्य है या नहीं) समेत कई प्रकार की मशीन हमारे पास मौजूद हैं। कई बार पशुपालक खुद से नहीं जान पाता है लेकिन मशीनों के ज़रिए वो और बेहतर तरीके से उनका ध्यान रख सकता है।” मनोज बताते हैं, “कई बार आप देखते हैं कि गाय-भैंस खुजली करने के लिए शरीर दीवार पर रगड़ती हैं। इसके लिए भी मशीन तैयार की गई है,जिसको काउ ब्रश कहते हैं। इस ब्रश को खंभे पर लगा दिया जाता है। चूंकि ये सेंसर से कनेक्ट होता है,तो गाय जैसे ही इसके पास जाती है ये घूमने लगती है।”
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बड़े काम का है ये छोटा टैक्टर
प्रदर्शनी में सोनालिका कंपनी द्वारा बनाया गया सबसे छोटा ट्रैक्टर आर्कषण केंद्र बना रहा है। सोनालिका कंपनी के सेल्स मैनेजर अरुण वर्मा ने बताया, “ प्रदर्शनी में जो आ रहा है वो सबसे पहले इसी को देखता है। 20 हार्स पावर का ये ट्रैक्टर बागवानी से जुड़े सभी तरह के कार्य करता है। इसमें रोटावेटर, कल्टीवेटर जैसे कई उपकरण लग सकते हैं। ट्रॅाली बेस पर एक घंटे में एक से सवा लीटर तेल की खपत होती है वहीं रोटावेटर लगाने पर सवा दो लीटर तक की तेल की खपत होती है।”
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कुक्कुट में जरुरी है आहार प्रबधंन
गोदरेज अॅग्रोवेट लिमिटेड के पशुचिकित्सक शैलेंद्र सिंह ने बताया, “ मुर्गीपालन व्यवसाय में आहार प्रबधंन सबसे जरुरी होता है। हमारे ब्रायलर और लेयर दोनों के लिए अलग-अलग फीड तैयार किया जाता है। तीन तरह के आहार (प्रारम्भिक, ग्रोवर और फिनिशर) पक्षियों को दिए जाते हैं।”
बड़े काम का है ब्रश कटर
होंडा पावर प्रोडक्ट के शिवांशु श्रीवास्तव बताते हैं, इस कटर में गेहूं और धान की कटाई आसानी से की जा सकती है। इसके अलावा घास और मोटी लकडि़यों की कटाई आसानी से की जा सकती है। इसमें 35 सीसी का इंजन लगा हुआ है। एक लीटर पेट्रोल में इसको ढाई घंटे तक चलाया जा सकता है,यानि एक घंटे में ढ़ेड बीघा धास काटी जा सकता है। इसके अलावा भी कई उपकरण (दवा छिड़कने की मशीन, रोटीटीलर मशीन उपलब्ध रहीं।
मशीन से उगाए हरा चारा
डीएफएसआई कंपनी की हाइड्रोपोनिक मशीन की मदद से पशुओं के हरा चारा तैयार किया जा सकता है। इसमें आम हरे चारे की तुलना में 40 फीसदी ज्यादा पोषण होता है। एजीईएस प्राईवेट लिमिटेड के सेल्स मैनेजर विनोद कुमार ने बताया,“ मशीन तेज़ी से चारा बनाती है और इससे चाारे की समस्या नहीं होती है।''
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