युवा बाइकों के बहुत शौकिन होते हैं, लेकिन हीरोगिरी दिखाने के चक्कर में हेलमेट नहीं लगाते और ईयरफोन लगाकर चलते हैं।स्कूल के समय बच्चे हेलमेट का प्रयोग बहुत कम ही करते हैं।दूसरों को जागरूक करने के बजाय खुद ही नियम तोड़ते हैं, जिम्मेदार।गाड़ियों पर संस्था के नाम पर पुलिस से बचने के लिए यातायात नियमों को इस तरह से तोड़ते हैं युवा।जल्दी के चक्कर में यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं नौजवान।प्रदेश में दोपहिया वाहनों को लेकर नियम दिया गया है, कि दो व्यक्ति भी वाहन पर बैठे हैं, तो दोनों का हेलमेट लगाना जरुरी है।भीड़ में कोई ऐसा व्यक्ति दिखाई दे ही जाता है, जो सही तरह से नियमों का पालन करता है।चौराहा पार करते ही युवा हेलमेट सर से उतार देते हैं, जो कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकता है।लोग हेलमेट सुरक्षा के लिए नहीं पहनते, बल्कि पुलिस से बचने के लिए पहनते हैं।यह भी पढ़ें: अबकी बार सिगरेट पी तो सच मानिए, ‘ऊपरवाले’ की लाठी पड़ना तयआप भी बंद कमरे में जलाते हैं कोयला हो जाए सावधान, एक की मौत
युवा बाइकों के बहुत शौकिन होते हैं, लेकिन हीरोगिरी दिखाने के चक्कर में हेलमेट नहीं लगाते और ईयरफोन लगाकर चलते हैं।स्कूल के समय बच्चे हेलमेट का प्रयोग बहुत कम ही करते हैं।दूसरों को जागरूक करने के बजाय खुद ही नियम तोड़ते हैं, जिम्मेदार।गाड़ियों पर संस्था के नाम पर पुलिस से बचने के लिए यातायात नियमों को इस तरह से तोड़ते हैं युवा।जल्दी के चक्कर में यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं नौजवान।प्रदेश में दोपहिया वाहनों को लेकर नियम दिया गया है, कि दो व्यक्ति भी वाहन पर बैठे हैं, तो दोनों का हेलमेट लगाना जरुरी है।भीड़ में कोई ऐसा व्यक्ति दिखाई दे ही जाता है, जो सही तरह से नियमों का पालन करता है।चौराहा पार करते ही युवा हेलमेट सर से उतार देते हैं, जो कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकता है।लोग हेलमेट सुरक्षा के लिए नहीं पहनते, बल्कि पुलिस से बचने के लिए पहनते हैं।यह भी पढ़ें: अबकी बार सिगरेट पी तो सच मानिए, ‘ऊपरवाले’ की लाठी पड़ना तयआप भी बंद कमरे में जलाते हैं कोयला हो जाए सावधान, एक की मौत