पक्षी विहार की झील में भरा जाएगा पानी

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पक्षी विहार की झील में भरा जाएगा पानीगाँव कनेक्शन

उन्नाव। नवाबगंज स्थित पक्षी विहार की झील में पानी भरवाने के निर्देश विशेष सचिव वन्य ने निरीक्षण के दौरान दिए। गाँव कनेक्शन ने पूर्व में प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया था।

नवाबगंज पक्षी विहार में हर साल अप्रवासी पक्षी आते थे। इस बार सौ से भी कम की संख्या में मेहमान पक्षी यहां पहुंचे हैं। बारिश न होने से यहां की झील पूरी तरह से सूख चुकी है। इससे विदेशी मेहमानों को प्राकृतिक माहौल नहीं मिल सका और वह यहां रुकने के बजाए किसी अन्य स्थान की आेर चले गए। शरद ऋतु की शुरुआत के साथ ही हिमालय, तिब्बत, चीन, यूरोप और साईबेरिया, अलास्का समेत सुदूर पश्चिम देशों के ग्रेलाग गूज, पिनटेल, कॉटन टील, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, गाडवाल, शेवलर, कूट और मलॉर्ड समेत कई अन्य प्रजाति के पक्षी प्रवास के लिए नवाबगंज पक्षी विहार में अपनी दस्तक देने के साथ ही कलरव करने लगते थे। मेहमान पक्षी झील के आसपास ही रहकर यहां कई माह तक प्रवास करते थे। शरद ऋतु के खत्म होने और बसंत ऋतु के दस्तक देते ही वह इस माहौल को छोड़कर दोबारा हजारों किलोमीटर का सफर कर अपने देश को उड़ जाते थे। इसी मौसम में हजारों की संख्या में पक्षी प्रेमी भी विदेशी मेहमानों के क्रियाकलापों को देखने के लिए यहां पहुंचते हैं। 

हालांकि इस बार पक्षी विहार में विदेशी मेहमानों ने दस्तक नहीं दी है, इसकी वजह है पक्षी विहार की सूखी झील। क्षेत्र के वन्य जीव रक्षक संजय कुमार बताते हैं, "विदेशी मेहमान पक्षी विहार की झील के आसपास अपना डेरा डालते हैं। झील से उन्हें प्राकृतिक माहौल मिलता था लेकिन इस बार कई माह से झील सूखी पड़ी है। झील में पानी न होने से विदेशी पक्षी यहां नहीं आए हैं। विदेशी मेहमानों को छोड़ देें तो कुछ स्थानीय पक्षियों की ही दस्तक अब तक हो सकी है, जिनकी संख्या सौ के आसपास ही है।"

मंगलवार को यहां निरीक्षण करने पहुंचे विशेष सचिव वन्य अशोक कुमार ने जब झील में पानी नहीं देखा तो अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अगर झील में पानी नहीं था तो पहले सूचना देनी चाहिए थी। इस लापरवाही के कारण हजारों सैलानी पक्षी यहां नहीं आए। उन्होंने कहा कि पक्षी विहार की झील में पानी भरवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा ताकि पक्षी विहार फिर से गुलजार हो सके।

प्रशासन की लापरवाही

पक्षी विहार की झील में मौरावा आसीवन ब्रांच फीडर चैनल से पानी आता है, लेकिन इस वर्ष प्रशासन की ला परवाही के चलते झील में पानी नहीं पहुंचा। रही सही कसर मौसम की बेरुखी ने भी पूरी कर दी। इस वर्ष बारिश न होने से झील पूरी तरह से सूख गई। प्रशासन का कहना है कि बारिश न होने से झील सूख गई है। झील में पानी पहुंचाने के लिए अगर वह नहर का सहारा लेते हैं तो किसानों का नुकसान होगा। उधर हाल ही में झील में पानी न होने की वजह से सैकड़ों की संख्या में कछुआें व अन्य जीवों की   मौत भी हो गई थी। बड़ी तादाद में जीवों की मौत के बाद भी प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। नतीजतन सूखी झील से जीवों की मौत के बाद अब प्रवासी पक्षियों ने भी पक्षी विहार को अलविदा कह दिया है। 

रिपोर्टर - श्रीवत्स अवस्थी

 

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