पंचायत चुनाव लड़ने के लिए क्या होनी चाहिए शैक्षिक योग्यता?

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पंचायत चुनाव लड़ने के लिए क्या होनी चाहिए शैक्षिक योग्यता?गाँव कनेक्शन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय होनी चाहिए, इस पर सार्वजनिक बहस होनी। असेम्बली और पॉर्लियामेंट में यह तय नहीं हो सकता। पब्लिक डिबेट में आम लोगों की इस पर अपनी राय होनी चाहिए। राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल का ऐसा मानना है। 

राष्ट्रीय पंचायत दिवस के मौके पर उन्होंने कहा कि राजस्थान में जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत चुनाव लड़ने की 10 वीं पास की आर्हता है। वहीं हरियाणा में आठवीं पास की। हालांकि उन्होंने आगे कहा, यूपी के पास जो डेटा है, अगर 10वीं पास अनिवार्य कर दिया जाता तो पंचायत सामान्य निर्वाचन-2015 में 61 फीसद निर्वाचित प्रधान, 73 फीसद क्षेत्र पंचायत सदस्य और 38 फीसद निवार्चित जिला पंचायत सदस्य चुनाव नहीं लड़ पाते। 

गाँव का टैलेंट गाँव में रुके

आयुक्त ने कहा कि गाँव से पलायन ठीक नहीं हैँ। गाँव में टैलेंट की कमी नहीं है। गाँव का टैलेंट गाँव में रहे, इससे गाँव का विकास होगा। उन्होंने कहा कि यह शोकेस करने का मकसद भी यही है। उन्होंने सम्मानित किए गए उच्च शिक्षा प्राप्त प्रधानों से गाँव का विकास और ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद की। 

प्रधानों को दी हिदायत

आयुक्त ने प्रधानों को विकास कार्य में सभी सदस्यों का सहयोग लेने की हिदायत दी। उन्होंने कहा प्रधानों के घर पर विकास कार्य और योजना का निर्णय लिया जाना 73वें और 74वें संविधान संशोधन के विपरित है। प्रधान विकास कार्य में सामूहिक बैठक और आमसभा में निर्णय लें। प्रधानों के घर में निर्णय लेने से पंचायत सदस्य चुनाव में रुचि नहीं लेते। इससे पंचायतों के गठन नहीं हो पाती। 20 फीसद पंचायत सदस्य पद पर रूचि नहीं लेने से 10,080 ग्राम पंचायत का गठन नहीं हो सका था। एक सप्ताह बाद पंचायतों का गठन कराने के लिए उपचुनाव कराना पड़ा। 

डर था पर अधिकारियों के बेहतर कार्य से सकुशल सम्पन्न हुआ चुनाव

राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने कहा कि पंचायत चुनाव 2015 की तैयारी कर रहे थे, तो हमको काफी डर लग रहा था, डर बेवजह नहीं था। बहुत लोगों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में झगड़ा-फसाद, जातीय और सम्प्रदायिक हिंसा होना बताया। कुछ तो डरे थे, कुछ लोगों ने डराया। सोचिए क्या हालत रही होगी। केंद्रीय बलों की मांग थी। इसके लिए केंद्र सरकार को समझा सके, लेकिन उस तरह से केंद्रीय बल नहीं मिला। अपनी स्टेट पुलिस, पीएसी, होमगार्ड और पूरे एडमिनिस्टेशन को मोबलाइज किया। स्टेट लेवल के अफसर से लेकर डीएम व एसएसपी और एसपी वन टू वन इंटरेक्ट रहे। पूरा प्रशासन एकजुट होकर साढ़े चार माह चले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सम्पन्न करा दिया। 

नई तकनीक और मीडिया से भी मिली मदद

चुनाव को शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के अधिकारियों की मेहनत के साथ मीडिया का भी अहम सहयोग रहा। जो बाते अपने अफसरों से नहीं मिल वो मीडिया के जरिए मिल जाती थी। खबरे भी सही होती थी। इसके साथ ही आयोग ने टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया। आयोग ने पहली बार अपनी वेबसाइट बनाई और इसके जरिए भी मदद मिली। 

बदलाव की दिखी उम्मीद

लखनऊ। अगले वक्त में प्रदेश की पंचायतों में तेजी से विकास होने की उम्मीद दिख रही है। प्रधानों के सम्मान समारोह में दिखी तस्वीर से तो ऐसा प्रतीत होता है। मंच पर सम्मान लेने के दौरान युवा प्रधान फरार्टेदार अंग्रेजी और बिना हिचक अफसर से अपनी बात कहते दिखे। उच्च दर्जे की तालिम पाए ये  जनप्रतिनिधि विकास में बाधा बन रहे लोगों से मुकाबला कर गाँवों की तस्वीर बदलेंगे। 

39 जिलािधकारी हुए सम्मानित 

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 39 जिलाधिकारियों को सम्मानित किया।डीएम सहारनपुर पवन कुमार, डीएम मेरठ पंकज यादव, डीएम बुलंदशहर बी चंद्रकला वर्तमान डीएम बिजनौर, डीएम मुरादाबाद जुहैर बिन सगीर, डीएम शाहजहांपुर शुभ्रा सक्सेना अब डीएम बुलन्दशहर, डीएम अलीगढ़ बलकार सिंह, डीएम फिरोजाबाद विजय किरन आनन्द, डीएम शाहजहांपुर, डीएम इटावा नितिन बंसल, डीएम झांसी अनुराग यादव मौजूदा तैनाती सचिव लोक निर्माण, डीएम कानपुर नगर कौशल राज शर्मा, डीएम रायबरेली सूर्यपाल गंगवार, डीएम उन्नाव सौम्या अग्रवाल, डीएम लखनऊ राजशेखर, किंजल सिंह वर्तमान डीएम फैजाबाद, डीएम बाराबंकी अजय यादव आिद डीएम को सम्मानित किया गया। बड़े अफसर भी सम्मानित

आयोग ने पंचायत चुनाव में योगदान करने वाले बड़े अफसरों मुख्य सचिव आलोक रंजन, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा को सम्मानित किया। हालांकि दोनों अफसर इस दौरान गैर हाजिर रहे। पूर्व डीजीपी जग मोहन यादव, डीजीपी जावीद अहमद, एडीजी लॉ एडं ऑडर दलजीत सिहं चौधरी,  आईजी लॉ एडं ऑडर ए सतीश गणेश, निदेशक पंचायती रहे व अब जिलाधिकारी हमीरपुर उदयवीर सिंह यादव को भी सम्मानित किया गया। 

इन कप्तानों का हुआ सम्मान

एसएसपी सहारनपुर राजेंद्र प्रसाद सिंह, एसएसपी मुजफफरनगर कृष्ण बहादुर सिंह, एसएसपी मुरादाबाद नितिन तिवारी, एसपी रामपुर साधना गोस्वामी, एसपी सम्भल, अतुल सक्सेना, एसएसपी अलीगढ़ जे़ रविन्द्र गौड़, एसपी कन्नौज कलानिधि नैथानी, एसएसपी इटावा मंजिल सैनी, एसपी औरैया मनोज तिवारी अब एसपी झांसी, एसएसपी कानपुर नगर शलभ माथुर, , एसएसपी लखनऊ राजेश कुमार पाण्डेय, एसपी लखीमपुर अखिलेश कुमार, एसपी बाराबंकी  अब्दुल हमीद, एसपी फैजाबाद मोहित गुप्ता, एसपी बस्ती शिवहरि मीना, अब एसपी मऊ एसपी गोरखपुर  लवकुमार अब पुलिस अधीक्षक सम्बद्व पुलिस महानिरीक्षक आदि का सम्मान हुआ। 

 

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