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Pooja Vrat Gupta
स्वतंत्र पत्रकार और लेखिका (मंडली)


हमारे बचपन की रामलीला: जिसकी कहानियाँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचती रहेगी
परंपराएँ जीती रहें, ये साक्ष्य हैं भारत के नक़्शे पर बने एक बेहद छोटे से क़स्बे जसवंतनगर में लगभग 160 वर्षों से निभायी जाने वाली उस परम्परा का जिसे यहाँ की कई पीढ़ियाँ देख चुकी हैं। नरसिंह मंदिर का ये...
Pooja Vrat Gupta 24 Oct 2023 8:15 AM GMT

कविता - कुछ औरतें पहनती हैं चटख रंग और नहीं भूलतीं माथे की बिंदी माँग का सिंदूर...
गाँव कनेक्शन के कलम दवात पेज में पढ़िए Pooja Vrat Gupta की कविता 'कुछ औरतें घुटती रहती हैं'...कुछ औरतेंघुटती रहती हैंउन दीवारों के इर्द-गिर्दजहाँ खिड़कियाँ तो हैंपर रोशनी का एक कतरा भी नहीं ... कुछ...
Pooja Vrat Gupta 22 Jan 2019 7:00 AM GMT

गुट्टे का खेल : याद है कौन सा खेल है ये ?
खेल जो कहीं खो गए ... सेगमेंट में आज हमारे साथ अपने बचपन के खेल की यादें ताज़ा कर रही हैं पूजा व्रत गुप्ता, जो एक लेखिका भी हैं।गुट्टे का खेललाख के रंगबिरंगे खूबसूरत गुट्टे लेकर वो मेरे चबूतरे पर आ...
Pooja Vrat Gupta 8 Jan 2019 5:14 AM GMT

मेरा गाँव कनेक्शन (भाग - 3) : चूल्हे के पास बैठी औरतों की खुसुर-फुसुर और पकवानों की महक से सराबोर है बीबामऊ गाँव
गाँव जाने वाली सड़क, वो गलियारे , खेत और चूल्हे पर बनते उस लज़ीज़ खाने की महक। हमारे गाँवों में कितना कुछ है, जो हमें आज तक याद है। हमारे आस-पास आज कितना कुछ बदल चुका है , लेकिन हमारे गाँव बदलाव की इस...
Pooja Vrat Gupta 18 Jan 2018 10:42 AM GMT