प्रेशर हॉर्न बजाया तो 1100 रुपए जुर्माना

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प्रेशर हॉर्न बजाया तो 1100 रुपए जुर्मानाgaonconnection

लखनऊ। सड़क पर आए दिन लालबत्ती लगाकर घूमने वाले और प्रेशर हॉर्न बजाने वालों पर एसएसपी ने नजरें टेढ़ी कर दी हैं। एसएसपी ने ट्रैफिक पुलिस को निर्देशित किया है कि ऐसा करने वालों से 1100 रुपए बतौर जुर्माना वसूला जाए या उनकी गाड़ी सीज कर ली जाएं।

इस नियम के दायरे में सरकारी गाड़ियां भी आएंगी। आमतौर पर देखा जाता है कि भीड़ या जाम के वक्त सरकारी गाड़ियां हूटर या प्रेशर हॉर्न का बेवजह इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में मानक के विपरीत यानि 100 डेसिबल से ऊपर के प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करने पर सरकारी गाड़ियां सीज की जाएंगी।

इस बाबत एसएसपी ऑफिस से सभी सरकारी विभागों को नोटिस जारी किया जा रहा है कि वो हफ्ते भर में अपनी गाड़ी से प्रेशर हॉर्न निकलवा दें अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।

इस काम का जिम्मा एएसपी ट्रैफिक हबीबुल हसन को सौंपा गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से निर्देशित किया गया है कि ट्रैफिक के वक्त बेवजह प्रेशर हॉर्न का प्रयोग करने वालों से फौरन 1100 रुपए वसूला जाए या उनकी गाड़ी सीज कर ट्रैफिक पुलिस लाइन में दाखिल किया जाए।

सूत्रों ने बताया कि इस काम में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी सहयोग लिया जा रहा है, बोर्ड से क्षेत्रवार प्रदूषण का आंकड़ा मांगा गया है। इसके आधार पर चारबाग से महानगर, इंदिरानगर, आलमबाग और चौक क्षेत्र में साइलेंस जोन बनाया जाएगा।

गाड़ियों का होगा ई-चालान

लखनऊ। राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय के प्रवर्तन दस्ते के साथ ही नोएडा का प्रवर्तन दल मैनुअल चालान के बजाय गाड़ियों की चेकिंग के समय नियमों का उल्लंघन करने वालों का ई-चालान करेंगे। ई-चालान की सुविधा शुरू होने से जहां प्रवर्तन दस्तों के समय की काफी बचत होगी, वहीं कागज की बर्बादी भी रुकेगी।

ई-चालान की सबसे अहम बात यह है कि अब सभी तरह के कागज और अन्य डिटेल ऑनलाइन होगी। वरिष्ठ सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी आईटी सेल संजय नाथ झा ने बताया कि पेपरलेस वर्किंग के तहत ई-चालान सुविधा शुरू की जा रही है। ई-चालान एप्स को अधिकारियों के टैबलेट में डाउनलोड कर दिया जाएगा। अगर चालान कहीं ऐसी जगह किया जा रहा है जहां पर इंटरनेट की व्यवस्था है तो गाड़ी का नंबर डालते ही उसकी पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। ई-चालान में सिर्फ फोटो और अफेंस डालना होगा। अफेंस के डालते ही जुर्माने की राशि अपने आप दिखने लगेगी। अभी ई-चालान नाम के इस मोबाइल एप में 125 अफेंस फीड किए गए हैं।

 रिपोर्टर - दरख्शा कदीर सिद्दीकी

 

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