प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या को जारी किया नया समन, 2 अप्रैल को पेशी का फरमान

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प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या को जारी किया नया समन, 2 अप्रैल को पेशी का फरमानGaon Connection

नई दिल्ली (भाषा)। प्रवर्तन निदेशालय ने 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज़ धोखाधड़ी मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या को नया समन जारी किया है।

ईडी ने माल्या को 2 अप्रैल को एजेंसी के जांच अधिकारियों के सामने निजी तौर पर पेश होने के लिए कहा। यूनाइटेड ब्रेवरीज़ (यूबी) ग्रुप के चेयरमैन विजय माल्या ने गुरुवार को एजेंसी से मोहलत मांगते हुए कहा था कि ईडी के सामने उनकी पेशी के लिए आज की बजाय बाद की कोई तारीख रख दी जाए। इसके बाद ये नया समन जारी किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने माल्या की याचिका मान ली है और उन्हें निजी तौर पर जांच में शामिल होने के लिए दो अप्रैल की नई तारीख दी है।

विजय माल्या ने मामले के जांच अधिकारी को गुरूवार को ईमेल के जरिए बताया था कि वो आज की तारीख पर पेश नहीं हो पाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में अगले महीने की कोई नई तारीख देने की गुज़ारिश भी की थी। उन्होंने कहा कि माल्या द्वारा दिए गए जवाब और कारणों का अध्ययन करने के बाद एजेंसी ने नई तारीख दी है। इस जवाब में वो संवाद भी शामिल है, जिसमें माल्या ने कहा था कि उसने कुछ एजेंसियों को पहले ही ये कह रखा था कि वो मार्च में भारत के बाहर रहेंगे।

माल्या को नए समन धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत जारी किए गए हैं और इसके तहत उन्हें अपने निजी निवेशों और वित्त से जुड़े दस्तावेज और पिछले पांच साल के आयकर रिटर्न और पासपोर्ट पेश करने होंगे। ईडी के निदेशक करनाल सिंह एजेंसी द्वारा की जा रही हाई प्रोफाइल मामलों की जांच के निरीक्षण के लिए कल से यहां मौजूद हैं। ईडी ने पिछले साल दर्ज सीबीआई प्राथमिकी के आधार पर हाल ही में माल्या और अन्य के खिलाफ धन शोधन का एक मामला दर्ज किया था। एजेंसी अब निष्क्रिय हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस की समग्र वित्तीय संरचना की भी जांच कर रही है। वो इस बात की भी जांच करेगी कि ऋण लेने के लिए कोई रिश्वत तो नहीं दी गई।

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में किंगफिशर एयरलाइंस के अध्यक्ष माल्या, उसके निदेशकों, एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख वित्तीय अधिकारी ए. रघुनाथन और आईडीबीआई बैंक के अज्ञात अधिकारियों के नाम दर्ज किए थे। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि कर्ज़ को राशि की तय सीमा से जुड़े नियमों का उल्लंघन करके मंजूरी दी गई। 

 

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