प्रयोगशाला में पहली बार विकसित की गई असली हड्डी
गाँव कनेक्शन 16 Jun 2016 5:30 AM GMT

वाशिंगटन (भाषा)। मरीज के सिर और चेहरे की बड़ी खामियों को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने पहली बार प्रयोगशाला में असली हड्डी (लिविंग बोन) विकसित की है। उनका यह कदम क्रेनियोफेशियल खामियों से ग्रस्त मरीजों के इलाज की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर गोरदाना वांजुक नोवाकोविक द्वारा विकसित नई तकनीक में मरीज के वसा के छोटे से नमूने से बनाये गये ऑटोलॉगस स्टेम कोशिकाओं का उपयोग किया गया है और वह बिल्कुल वास्तविक हड्डी की संरचना से मेल खाता है।
वांजुक नोवाकोविक ने कहा कि क्रेनियोफेशियल खामियों से ग्रस्त मरीजों के पुनर्योजी चिकित्सा विकल्पों में सुधार की दिशा में यह अगला कदम है। इस अध्ययन का प्रकाशन साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में हुआ है।
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