पशु अधिकार संगठन इस हाथी को गिनीज बुक में शामिल करने के खिलाफ
गाँव कनेक्शन 30 July 2016 5:30 AM GMT

तिरुवनंतपुरम (भाषा)। मशहूर पशु अधिकार संगठन हेरीटेज एनिमल टास्क फोर्स (HATF) ने 86 वर्षीय हाथी को सबसे बूढ़े पालतू जिंदा हाथी के रुप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने का प्रयास करने के त्रावणकोर देवाश्वम बोर्ड के निर्णय की आलोचना की है।
HATF के सचिव वीके वेंकटचलम ने केंद्र में प्रोजेक्ट एलीफैंट को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि त्रावणकोर देवाश्वम बोर्ड (TDB) के पास हाथी ‘दक्षयानी' के मालिक होने का सबूत पेश करने का सर्टिफिकेट नहीं है जो कानून के खिलाफ है। मशहूर सबरीमाला अयप्पा स्वामी मंदिर का प्रबंधन देखने वाले TDB ने हाल में यहां हाथी को सम्मानित किया था और सबसे उम्रदराज पालतू एशियाई हाथी के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इसे शामिल करने के कदम उठाने की पहल की थी।
उन्होंने एक पत्र में कहा कि वाइल्डलाइफ स्टॉक डिक्लरेशन रुल 2003 के मुताबिक भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों की यह वैधानिक जिम्मेदारी है कि वह 18 अगस्त 2003 से 18 अक्तूबर 2003 के बीच अपने संरक्षण में रखे गए हाथी की जानकारी दे ताकि उसे मालिकाना सर्टिफिकेट दिया जा सके। वेंकटचेलम ने कहा कि TDB ने उस वक्त मालिकाना सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया था।
India
More Stories