संगीनों के साए में 4 फरवरी को होगा पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 के लिए मतदान
Sanjay Srivastava 3 Feb 2017 2:13 PM GMT

चंडीगढ़ (भाषा)। पंजाब विधानसभा 2017 के 117 सदस्यों का चुनाव करने के लिए कल (4 फरवरी) सुबह 8 बजे से मतदान होगा, जहां शिरोमणि अकाली दल भाजपा का गठबंधन अपने 10 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहा है और उसे कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी से कड़ी चुनौती मिल रही है।
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद हो रहे इस पहले चुनाव में 1.98 करोड़ लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। चुनाव के लिए 1,145 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से 81 महिलाएं हैं और एक ट्रांसजेंडर है। राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 200 से ज्यादा कंपनियां (एक कंपनी में 80-100 कर्मी होते हैं) तैनात की गई हैं।
यहां चुनाव प्रचार खत्म होने से मुश्किल से दो दिन पहले एक कार बम विस्फोट हुआ जिसमें छह लोगों की मौत हो गई। पंजाब पुलिस ने इस घटना के आतंकी घटना होने की संभावना से इनकार नहीं किया।
निर्वाचन कार्यालय के एक प्रवक्ता ने यहां आज बताया, ‘‘ चुनावी तंत्र निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है।'' अमृतसर लोकसभा सीट के लिए भी कल उपचुनाव होगा।
राज्य के 1,98,79,069 मतदाताओं में से 93,75,546 महिलाएं और 415 ट्रांसजेंडर हैं। समूचे राज्य में 22,615 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं।
83 विधानसभा क्षेत्र सामान्य श्रेणी के हैं जबकि 34 आरक्षित हैं। पंजाब में शिअद-भाजपा गठबंधन, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणिय मुकाबला हो रहा है। आप का दावा है कि वह दिल्ली वाली अपनी सफलता को राज्य में दोहराएगी जहां 2015 के चुनाव में उसने कांग्रेस और भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया था।
आप ने 2014 में चार लोकसभा सीटें जीतीं थीं। आप चुनावी मैदान में बड़े स्तर पर उतरी है और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने राज्य के बडे हिस्से का दौरा किया है।
बादल परिवार ने कथित भ्रष्टाचार, मादक पदार्थ का खतरा और कानून एवं व्यवस्था को लेकर आप के हमलों का सामना किया जबकि शिअद-भाजपा और कांग्रेस ने आप पर कट्टरपंथियों का साथ देने का आरोप लगाया और केजरीवाल के ‘बाहरी' होने को लेकर निशाना साधा।
वहीं केजरीवाल ने कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख अमरिंदर सिंह और बादल पर आपस में मिले होने का आरोप लगाया। मादक पदार्थ के खतरे के अलावा, विवादास्पद एसवाईएल नहर का मुद्दा और सिखों की धार्मिक किताबों की बेअदबी का मुद्दा भी चुनावी प्रतिद्वंद्वियों ने उठाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के जालंधर और कोटकपुरा में दो चुनावी रैलियां कीं जहां उन्होंने पाकिस्तान की ओर से खतरे का मुद्दा उठाकर शिअद-भाजपा गठबंधन के लिए वोट मांगे जिस बारे में उन्होंने दावा किया कि वे अकेले ही एक स्थिर सरकार दे सकती है जो राज्य की सुरक्षा की गांरटी है।
राहुल गांधी ने बादल खानदान के गढ़ में कांग्रेस का प्रचार अभियान चलाया जिसमें लांबी, मजीठिया और जलालाबाद शामिल हैं और इस पर कथित भ्रष्टाचार, वंशवादी राजनीति करने, मादक पदार्थ और खनन माफिया को बढ़ाना देने को लेकर निशाना साधा।
शुरुआती दुविधा के बाद, राहुल गांधी ने पटियाला शाही परिवार के वारिस अमरिंदर सिंह (74 वर्ष) को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। अमरिंदर पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा। कांग्रेस सभी सीटों पर अकेले ही लड़ रही है।
आप ने 112 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि इसकी सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी ने पांच सीटों पर अपने प्रत्याशियों को टिकट दिया है। इस पार्टी की अगुवाई लुधियाना के बैन्स भाई करते हैं।
Chandigarh punjab assembly elections 2017 February 4 Chief Electoral Officer of Punjab VK Singh Punjab Election Commission of India
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