उम्मीदवार के नाम के साथ कांग्रेस में बगावत शुरु

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उम्मीदवार के नाम के साथ कांग्रेस में बगावत शुरुहालांकि, नामांकन में अब केवल तीन दिन ही बचे हैं लेकिन जालंधर की दो सीटों पर अबतक उम्मीदवार के नाम तय नहीं किये गए हैं।

जालंधर (भाषा)। पंजाब में कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी होने के साथ ही जालंधर सहित अन्य कई इलाकों में भी बगावत के सुर बुलंद हो गए हैं। हालांकि, नामांकन में अब केवल तीन दिन ही बचे हैं लेकिन जालंधर की दो सीटों पर अबतक उम्मीदवार के नाम तय नहीं किये गए हैं और एक सीट पर उम्मीदवार स्वयं पशोपेश में हैं।

जालंधर के नौ सीटों में से जालंधर केंद्रीय, फिल्लौर (सुरक्षित) और करतारपुर (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है और इन तीन सीटों पर उम्मीदवार निर्विवाद हैं।

पार्टी की तीसरी और चौथी सूची में जालंधर पश्चिम, आदमपुर, शाहकोट तथा जालंधर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों के नाम के एलान के साथ पार्टी में बगावत के सुर बुलंद होने लगे हैं। एक तरफ जहां पार्टी नेताओं ने अधिकृत उम्मीदवार का विरोध करना शुरु कर दिया है वहीं दूसरी ओर कुछ नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।

कांग्रेस ने जालंधर पश्चिम (सुरक्षित) से पार्षद सुशील रिंकू को मैदान में उतारा है तो रिंकू के खिलाफ शहर के पूर्व महापौर सुरिंदर महे खुलकर सामने आ गए हैं और उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। महे ने बताया कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं और आलाकमान के निर्णय के इंतजार में हैं। अगर कुछ नहीं हुआ तो वह जल्दी ही अपनी योजना का खुलासा करेंगे।

दूसरी ओर आदमपुर (सुरक्षित) से जालंधर के पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी को मौका दिया गया है तो स्थानीय नेता ने दलित विरोधी और बाहरी होने का आरोप लगाते हुए उनका विरोध शुरु कर दिया है। आदमपुर के कांग्रेस नेता तथा मनप्रीत बादल के करीबी जगदीश जस्सल कहते हैं, ‘‘केपी की नीतियां दलित विरोधी हैं। वियना मामले तथा तल्हण मामले में केपी ने कोई कदम नहीं उठाया था। वह बाहरी हैं और क्षेत्र में किसी भी पैराशूटर उम्मीदवार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर उन्हें बदला नहीं गया तो हम जल्दी ही इस बारे में अपने अगले रुख का ऐलान करेंगे।''

शाहकोट से कांग्रेस उम्मीदवार हरदेव सिंह लाड़ी शरोवालिया को स्थानीय कांग्रेस नेता और प्रदेश महासचिव डॉ. नवजोत दहिया के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दहिया पिछला चुनाव पीपीपी के टिकट पर लड़ चुके हैं और पीपीपी के कांग्रेस में विलय के बाद वह पार्टी टिकट पर शाहकोट से लड़ने के इच्छुक थे।

दहिया ने हालांकि इस बारे में कुछ नहीं कहा लेकिन उनके करीबियों का कहना है, ‘‘पांच साल में उन्होंने काफी काम किया है, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है। वह एक दो दिन में पार्टी में कुछ न कुछ धमाका कर सकते हैं।'' सबसे दिलचस्प मामला जालंधर उत्तर का है जहां से प्रदेश उपाध्यक्ष तथा बाहुबली नेता अवतार हेनरी टिकट के दावेदार थे। ऐन मौके पर उनका नाम मतदाता सूची से काट दिये जाने के बाद वह अपने बेटे को टिकट दिलवाने की जद्दोजहद में थे लेकिन पार्टी ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन तेजेंदर सिंह बिटटू को मैदान में उतार दिया।

    

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