पंजाब विधानसभा चुनावः पटियाला में होगी जनरल और कैप्टन के बीच भिड़ंत

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पंजाब विधानसभा चुनावः पटियाला में होगी जनरल और कैप्टन के बीच भिड़ंतपटियाला के मैदानों में एक ओर हैं पूर्व सैन्य प्रमुख और दूसरी ओर हैं पूर्व कैप्टन जो इस भूमि पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए कमर कस के तैयार हैं।

पटियाला (भाषा)। पटियाला के मैदानों में एक भीषण चुनावी जंग लड़ी जा रही है, जिसमें एक ओर हैं पूर्व सैन्य प्रमुख और दूसरी ओर हैं पूर्व कैप्टन जो इस भूमि पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए कमर कस के तैयार हैं।

पटियाला विधानसभा सीट, पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह का गढ़ है जिन्हें पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित किया है। इस जंग में उनके सामने हैं सत्तारुढ़ शिरोमणि अकाली दल के जनरल (सेवानिवृत्त) जेजे सिंह जबकि यहां आम आदमी पार्टी भी जीत की उम्मीद लगाए बैठी है।

अमरिंदर इस सीट से तीन बार विजयी रहे हैं और हर बार उन्होंने मतों के और अधिक अंतर से जीत हासिल की है। वर्ष 2012 में वह 40,000 मतों से जीते थे वह भी तब जब इस निर्वाचन क्षेत्र में उन्होंने महज दो ही बार दौरा किया था। पहली बार, नामांकन भरने के लिए और दूसरी बार वह एक जनसभा को संबोधित करने के लिए यहां आए थे।

इस बार भी वह यहां केवल एक ही बार, 17 जनवरी को नामांकन भरने के दौरान ही नजर आए हैं। नामांकन भरने से पहले वह किला मुबारक, काली माता मंदिर और दुखनिवारण गुरुद्वारे गए। इसके बाद उन्होंने एक खासा सफल रोड शो किया।

किला मुबारक से ही ‘पटियाला राज्य' के संस्थापक और अमरिंदर सिंह के पूर्वज बाबा अला सिंह शासन किया करते थे। राजपरिवार के बिना पटियाला की कल्पना करना भी मुश्किल है। वर्ष 1947 में, पाकिस्तान से बड़ी संख्या में आए शरणार्थी यहां बसे थे। तत्कालीन शासक महाराजा यादविंदर सिंह ने पाकिस्तान से आए लोगों को यहां बसाया और सुविधाएं उपलब्ध करवाईं।

यह अपनापन आज भी कायम है जिसे पटियालावासियों ने इस निर्वाचन क्षेत्र से अमरिंदर और उनके परिजनों को बार-बार जीत दिलाकर साबित किया है। अकाली दल ने उनके खिलाफ जनरल (सेवानिवृत्त) जेजे सिंह को उतारा है जो सैन्य प्रमुख बनने वाले पहले सिख हैं।

सिंह के नामांकन पर प्रतिक्रिया देते हुए आत्मविश्वास से भरपूर अमरिंदर ने कहा, ‘‘इतिहास में पहली बार एक कैप्टन एक जनरल को हराएगा।'' यहां प्रचार की कमान अमरिंदर की पत्नी और पूर्व विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर और उनकी बेटी जया इंदर कौर ने संभाल रखी है। इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी के बलबीर सिंह भी मैदान में हैं।

पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल सिंह का कहना है कि पंजाब में आप के उम्मीदवार के चुनावी मैदान में उतरने से कांग्रेस को नुकसान होगा जो कांग्रेस के परंपरागत वोटों में सेंध लगाएगा। बहरहाल, आप के बलबीर सिंह खुद को छुपा रुस्तम बताते हैं।

    

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