राजद्रोह के आरोपी प्रोफेसर गिलानी को मिली जमानत
गाँव कनेक्शन 20 March 2016 5:30 AM GMT

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने प्रेस क्लब में हुए एक कार्यक्रम के मामले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक एसएआर गिलानी की जमानत याचिका का विरोध किया। पुलिस ने कहा कि कार्यक्रम ‘भारत की आत्मा पर एक हमला था’ और ये ‘अदालत की अवमानना’ थी। इस बीच दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राजद्रोह के एक मामले में एसएआर गिलानी को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। इससे पहले जिरह के दौरान गिलानी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि उन्होंने कथित भारत विरोधी नारे लगाए थे। वकील ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले की आलोचना करना अदालत की अवमानना नहीं है।
जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन वो अफजल गुरू और मकबूल भट का महिमामंडन कर रहे थे जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने दोषी ठहराया था। वो लोग उन्हें शहीद बता रहे थे जिसका लोगों पर असर पड़ता है और ये अदालत की अवमानना है।
पुलिस ने कहा, ‘'अगर उन्हें उच्चतम न्यायालय का फैसला पसंद नहीं था तो उन्हें ये बात अपने दिमाग में और अपने घर के अंदर ही रखनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने उस उद्देश्य के लिए लोगों इकट्ठा किया जो भारत की आत्मा पर हमला था।’'
गिलानी के वकील ने हालांकि जमानत के लिए आग्रह करते हुए दावा किया कि खुद प्राथमिकी में कहा गया है कि नारे लगा रहे लोगों को प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने रोका। वहां से चले जाने के लिए कहा जिस पर वो लोग रज़ामंद हो गए।
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