राप्ती नदी की बाढ़ में डूबे सिद्धार्थनगर ज़िले के12 गाँव

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राप्ती नदी की बाढ़ में डूबे सिद्धार्थनगर ज़िले के12 गाँवgaonconnection

सिद्धार्थनगर। जिले में लोगों को बाढ़ से राहत नहीं मिल पा रही है। जहां शोहरतगढ़ और बढ़नी में पानी उतरना शुरू हो गया है तो वहीं दूसरी ओर इटवा और भनवापुर में नए हिस्से में पानी भर गया है। नौगढ़-बांसी मार्ग पर आवागमन अभी भी प्रभावित है। कई हिस्सों में लोग राहत के इंतजार में हैं। बाढ़ के बाद अब बीमारियों का ख़तरा पैदा हो गया है।

इटवा और भनवापुर के करीब दर्जनभर गाँवों में राप्ती का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे रमवापुर, जगतराम, सेखुई, गुलरिया, मनकौरा गाँव जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन ने इन गाँवों में एनडीआरएफ की टीम लगाकर पीड़ितों को निकालने व राहत सामग्री पहुंचाने का निर्देश दिए हैं। शोहरतगढ़ क्षे़त्र के बाढ़ प्रभावित गाँवों में जलस्तर कम होना शुरू हो गया है। लेकिन कई गाँवों में छह दिन बाद भी मदद नहीं पहुंच पायी है। बालानगर, फुलवरिया, तौलिहवा के लोग प्रशासन से मदद की प्रतीक्षा में हैं।

बाढ़ प्रभावित गाँवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवा वितरण का काम शुरू कर दिया है। बांसी क्षेत्र के कम्हरिया व बुजुर्ग गाँव में टीम ने आवश्यक दवा दी। क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति स्थिर बनी हुई है।

नेपाल से बूढ़ी राप्ती नदी में पानी छोड़े जाने के कारण रविवार को तेज उफान आ गया। परसोहन-इमिलिया मार्ग पर पानी बहने से कई गाँवों का सम्पर्क कट गया है। ग्रामीण बाढ़ के पानी से दहशत में हैं। जानकारी के अनुसार इस मार्ग पर इमिलियां, लुमुइया, बसन्तपुर, बेलभरिया आदि गाँव हैं, जहां के लोग सड़क पर पानी के बहाव के कारण इस पार से उस पार नहीं जा पा रहे हैं।

दलपतपुर-डेंगहर से परसोहन के बीच कई स्थानों पर रेन कट और बांधों में बने होल से ग्राम डेंगहर के लोग काफी भयभीत हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इसी तरह जलस्तर में वृद्धि होती रही तो बांध कट सकता है और कई गाँवों को खतरा पैदा हो सकता है। डेंगहर के ग्रामीण जगराम, प्रेम कुमार, मनोज का कहना है कि गाँव के ठीक सामने बांध है जहां पहले बांधों के किनारे बोरी आदि डाला गया था, लेकिन इस वर्ष मरम्मत न होने के कारण बांधों पर बने गैप और होल गाँव के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से बांध के गैप व होल भरने की मांग भी की है। 

विधायक, एसडीएम लोगों से मिले, बांधों की जांच की 

इटवा(सिद्धार्थनगर)। बढ़ते जलस्तर की सूचना पर पहुंचे स्थानीय विधायक माता प्रसाद पाण्डेय, उपजिलाधिकारी इटवा जुबेर बेग ने परसोहन घाट के आसपास दलपतपुर, डेगहर आदि बांधों की जांच की। इस अवसर पर मौजूद मातहतों को सख्त निर्देश दिए कि लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

कैंप लगाकर हो रही स्वास्थ्य की जांच

बलरामपुर। बाढ़ का जलस्तर कम होने वाले क्षेत्रों में अब संक्रामक रोगों के बढ़ने की आशंका पांव पसारने लगी है। जहां बाढ़ का पानी कम हो रहा है, वहां मिट्टी-बालू में दबे मृतक पशुओं से आ रही दुर्गंध और सड़न से जहां एक ओर वातावरण प्रदूषित हो रहा है वहीं हैजा, टाइफाइड, मलेरिया आदि रोगों के फैलने की आशंका भी बढ़ गई है। पीने के पानी की समस्या और संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका बढ़ने के मद्देनजर प्रशासन जनपद के सभी तहसीलों में मेडिकल कैंप लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करा रहा है।

रिपोर्टर - दीनानाथ/निसार अहमद

 

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